एएम नाथ। सिरमौर / नाहन। हिमाचल प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग के दक्षिण जोन परवाणू प्रवर्तन विंग की टीम ने आबकारी विभाग के पुनर्गठन के बाद जीएसटी के तहत 46.81 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया।
वहीं सिरमौर, सोलन, शिमला व किन्नौर जिलों में विभिन्न उत्पाद सप्लाई करने वाली देश की एक दर्जन बड़ी कंपनियों और फर्मों में जांच के अग्रिम चरणों में 600 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी कर चोरी के बड़े मामले में प्रवर्तन विंग की टीम जांच कर रही है।
क्रशर मालिक ने जमा कराए 57 लाख
दक्षिण जोन परवाणू के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि आबकारी विभाग को दो विंग जीएसटी और आबकारी में पुनर्गठित करने के बाद दक्षिण जोन परवाणू ने 46 करोड़ 81 लाख 25 हजार 683 रुपये की कर चोरी का पता लगाया। इनमें से दक्षिण जोन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्रशरों 3 करोड़ 45 लाख 76 हजार 155 रुपये की राशि के नोटिस जारी किए गए हैं। जिसमें स्टोन क्रशर ने नोटिस जारी करने के साथ ही 57 लाख 17 हजार 236 रुपये की राशि जमा कर दी है, जबकि अंतिम आदेश अभी भी प्रक्रियाधीन हैं।
600 करोड़ से अधिक की जांच जारी
पिछले पांच वर्षों के दौरान कर गैर अनुपालन के एक ही बिंदु पर दो दर्जन से अधिक स्टोन क्रशर जांच के दायरे में हैं। सभी स्टोन क्रशर दक्षिण क्षेत्र के प्रवर्तन विंग द्वारा शुरू की गई कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, बिना किसी आपत्ति के नोटिस का अनुपालन कर रहे हैं।
जबकि 6 मामलों में 15 करोड़ 01 लाख 05 हजार 663 हजार रुपये की राशि से संबंधित अंतिम निर्णय आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें 90 दिनों के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया है। जबकि कॉमन पोर्टल पर मामलों को रोकने के बाद जीएसटी के तहत 38 करोड़ 93 लाख 39 हजार 905 रुपये के नोटिस जारी किए गए हैं।
जीएसटी के तहत एक दर्जन करदाताओं से संबंधित 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जांच के अंतिम चरण में है, जिसके लिए विभिन्न चरणों में अंतरराज्यीय जांच चल रही है।
कर को जमा करने में सहयोग
दक्षिण क्षेत्र परवाणू के प्रवर्तन विंग के उपायुक्त ईएनएफ भूपराम, एसी-ईएनएफ तुलसी राम राणा, हंस राज-एसी ईएनएफ, विपिन पौसवाल-एसी ईएनएफ, ध्यान सिंह-एसटीईओ, मनोज सचदेवा एएसटीईओ, मानवेंद्र एसटीईओ, दिग्विजय सिंह एएसटीईओ ने संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर के नेतृत्व में पर्यवेक्षण और निगरानी में उपरोक्त मामलों को रोकने, पूछताछ करने, जांच करने और न्याय निर्णय करने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास किया है।
वहीं, ध्यान सिंह एसटीईओ ने स्टोन क्रशर इकाइयों पर काम किया, जिसमें स्टोन क्रशर मालिक अंतिम आदेशों की प्रतीक्षा किए बिना पिछले 5 वर्षों से गैर अनुपालन पर अपने देय कर को जमा करने में सहयोग कर रहे हैं। खनन से संबंधित डेटा आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी यूनुस खान-आईएएस से मांगा गया था, जो उद्योग निदेशालय का भी कार्यभार संभाल रहे हैं, जो उनके द्वारा उपलब्ध कराया गया था। जिसके आधार पर स्टोन क्रशर खनन पर रॉयल्टी शुल्क और जीएसटी के अधीन अन्य ऐसे शुल्कों की जांच की जा रही है। वहीं आने वाले दिनों में, जीएसटी भुगतान के गैर-अनुपालन के लिए 100 प्रतिशत स्टोन क्रशर और ईंट भट्ठा इकाइयों की जांच की जाएगी। स्टोन क्रशर के अलावा, स्टील, स्क्रैप, लेड, बैटरी के करदाता भी उपरोक्त मामलों में शामिल हैं।