शिमला। हिमाचल प्रदेश के 68 विधानसभा चुनाव के 8 दिसंबर को घोषित होने वाले नतीजों के लिए 58 काउंटिंग सैंटर निर्धारित किए गए हैं। यानी राज्य की 68 विधानसभा सीटों में से 10 सीटों की काउंटिंग उस सीट से बाहर के एरिया में होगी। काउंटिंग से पहले 2-3 दिसंबर को पहले चरण की रिहर्सल होगी। 7 दिसंबर को पोलिंग स्टाफ को सेकेंड फेज की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें कर्मचारियों को बताया जाएगा कि किस तरह ईवीएम और बैलेट पेपर के मतों की गणना की जानी है। हिमाचल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार सभी 68 विधानसभा सीटों के वोटों की गिनती का काम 8 दिसंबर की सुबह 8 बजे एक साथ शुरू होगा जो मतगणना पूरी होने तक चलेगा। प्रत्येक उम्मीदवार को काउंटिंग सेंटर पर लगाए गए टोटल काउंटिंग टेबल के हिसाब से अपने काउंटिंग एजेंट नियुक्त करने की अनुमति होगी। रिटर्निंग अधिकारी के काउंटिंग टेबल और पोस्टल बैलेट की काउंटिंग टेबल पर भी एक काउंटिंग एजेंट नियुक्त किया जा सकेगा। रिटर्निंग अधिकारी उम्मीदवारों को मतगणना एजेंटों की संख्या के बारे में भी बताएंगे, जिन्हें उम्मीदवार मतगणना केन्द्रों के लिए नियुक्त करेंगे। काउंटिंग एजेंट को अपनी नियुक्ति के लिए फार्म-18 भरना होगा तथा 4 दिसंबर शाम 5 बजे तक फार्म-18 की दो प्रतियां अपनी फोटो और पहचान पत्र सहित रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा करवाने होंगे। 4 दिसंबर के बाद फार्म-18 किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होंगे। फार्म-18 में काउंटिंग एजेंट अपनी नियुक्ति के घोषणा पत्र पर रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष हस्ताक्षर करेंगे।
पोस्टल बैलेट की गिनती 8 बजे, जबकि ईवीएम की वोटों की गिनती साढे 8 बजे होगी :
पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह 8 बजे शुरू की जाएगी। जबकि ईवीएम के माध्यम से डाले गए मतों की गिनती साढे 8 बजे शुरू हो सकती है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार या एजेंट को मतगणना कक्ष में मोबाइल फोन, आई-पैड, लैपटॉप और अन्य किसी भी प्रकार के रिकार्डिंग उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं होगी। लॉग बुक में एंट्री के बाद स्ट्रांग रूम को रिटर्निंग अधिकारी तथा सहायक रिटर्निंग अधिकारी, उम्मीदवार, चुनाव एजेंट और भारत निर्वाचन आयोग के ऑब्जर्वर की मौजूदगी में खोला जाएगा। इस सारी कार्यप्रणाली की वीडियोग्राफी की जाएगी।
काउंटिंग एजेंट :
काउंटिंग एजेंट भारत का नागरिक होना जरूरी है। उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। राज्य अथवा सरकार में वर्तमान मंत्री, सांसद, विधायक, शहरी निकायों के अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष, जिला परिषद तथा खंड विकास समिति के अध्यक्ष, राष्ट्रीय, राज्य तथा जिला सहकारी संस्थाओं के निर्वाचित अध्यक्ष, सरकारी निकायों के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त राजनीतिक पदाधिकारी, सरकारी अधिवक्ता तथा सरकारी कर्मचारी आदि को काउंटिंग एजेंट के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता।
जिलों में कितने काउंटिंग सैंटर :कुल्लू -5,कांगड़ा-13, शिमला -6,सिरमौर-5,किन्नौर-1, मंडी-10,बिलासपुर -4, सोलन- 5,चंबा-1,हमीरपुर-5
ऊना-3