हिमाचल में शिमला, किन्नौर, लाहुल-स्पीति, और कुल्लू में बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही

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एएम नाथ : शिमला : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बारिश ने आस पास के इलाकों में तबाही मचा दी है, जिसने शिमला, किन्नौर, लाहुल-स्पीति, और कुल्लू जैसे 5 इलाकों को अपनी चपेट में लिया है। बादल फटने एवं बाढ़ की वजह से कई लोगों के घर पूरी तरह से नष्ट हो गए है, बाढ़ की वजह से पुल भी क्षतिग्रस्त हुए है, और सड़कों को उजाड़ दिया। शिमला के रामपुर में श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से गानवी घाटी में भीषण बाढ़ आई, वहीं कुल्लू की तीर्थन घाटी में 5 गाड़ियां और 4कॉटेज बह गए। लाहुल-स्पीति की मयाड़ घाटी में 22 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि किन्नौर के पूह में आईटीबीपी कैंप की मशीनरी और पांच कर्मचारी फंस गए। इस आपदा के कारण दो नेशनल हाईवे सहित 323 सड़कें बंद हो गई हैं, और अब तक 2,031 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

गांनवी में बाढ़ ने मचाया आतंक : हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर के गांनवी में बीते शाम श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से आई भयंकर बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। गानवी खड्ड में उफान आने के कारण गांनवी पुल बह गया, जिससे कूट और क्याव पंचायतों का रामपुर से संपर्क पूरी तरह टूट गया। बाढ़ के प्रकोप से गानवी बस स्टैंड डूब गया, और आसपास की दुकानों में पानी भर गया तथा मलबा घुस गया। स्थानीय लोगों का इस बारें में कहना है कि दो शेड बह गए, जबकि छह शेड पानी में डूब गए एवं खतरे की जद में हैं।

रामपुर बुशहर के गांनवी में बादल फटने से आई बाढ़ की वजह से कई घरों में पानी और मलबा भर गया, एवं पुलिस चौकी भी इसके रास्ते में आ गई। HPSEBL की गांनवी जल विद्युत परियोजना का पुल ढह गया, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई। गांनवी, किआओ, कूट, किंफी, कुटरू, सुरु रूपनी, खनिधार, और खेउंचा क्षेत्रों की तीन ग्राम पंचायतों का संपर्क पूरी तरह कट गया। ग्रीनको कंपनी के इनटेक को भी नुकसान पहुंचा है। एहतियात के तौर पर प्रभावित इलाकों के घरों को खाली करवाया गया है।

कुल्लू में बाढ़ को लेकर जारी किया गया अलर्ट :

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल में कुर्पन खड्ड में भीषण बाढ़ ने तबाही मचाई, जिसकी वजह श्रीखंड की चोटियों पर बादल फटने की आशंका है। बागीपुल बाजार को सुरक्षित रखने के लिए खाली कराया गया है, और प्रशासन ने लोगों को कुर्पन खड्ड तथा बागीपुल-निरमंड क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। इसके अलावा, तीर्थन वैली के बठाड़ और बंजार इलाकों में भी बादल फटने की भी खबर सामने आई है।

इतना ही नहीं हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में तीर्थन घाटी में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई, जिसमें पांच गाड़ियां और चार कॉटेज बह गए। राहत की बात यह रही कि उस समय कॉटेज में कोई मौजूद नहीं था। दिल्ला और दोगड़ा पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन ने बंजार से लारजी तक लोगों को नदियों से दूर रहने की हिदायत दी है। वहीं, व्यास नदी में जलस्तर बढ़ने की वजह कुल्लू से मंडी और कांगड़ा तक हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बारिश ने लाहुल-स्पीति की मयाड़ घाटी में तबाही मचाई, जहां बादल फटने से करपट, छिंगुट, और उदगोसे गांव प्रभावित हुए। बाढ़ की वजह से 3 पुल बह गए एवं कई एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई । स्थानीय लोगों का स बारें में कहना है कि तकरीबन 10 बीघा जमीन पूरी तरह बर्बाद हुई। प्रशासन ने करपट गांव को खाली करवाकर 22 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, हालांकि उन्हें रात टेंट में ही गुजारनी पड़ी। प्रत्येक परिवार को 10,000 रुपये की सहायता प्रदान की गई, और राहत कार्य जारी हैं। दूसरी ओर, किन्नौर जिले के पूह में होजो नाले में बादल फटने से आई बाढ़ ने आईटीबीपी कैंप के लिए सड़क निर्माण में लगी कंपनी की मशीन को बहा दिया, और पांच कर्मचारी फंस गए, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इस घटना ने इलाके में चिंता को और भी ज्यादा बढ़ा दी है। शिमला जिले के नंती क्षेत्र में भी बादल फटने से बाढ़ आई, जिसने चार पुलों को नुकसान पहुंचाया। नंती खड्ड के किनारे बसे घरों को खाली करवाया गया, और सड़कों पर मलबा जमा होने से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई।

हिमाचल में जारी है बारिश का कहर :

खबरों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून 2025 से अब तक मॉनसून की तबाही की वजह से 2,031 करोड़ रुपये की हानि हुई है। इस बीच 126 लोगों ने अपनी जान से हाथ धो दिया, 36 लोग लापता हैं, और 63 बाढ़, 31 बादल फटने, तथा 57 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं, जिसमें NDRF और सेना की टीमें अलर्ट पर हैं। मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया और प्रभावितों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। लोगों से सावधानी बरतने और जोखिम भरे क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की गई है। स्थानीय लोग मुआवजे और पुनर्वास की उम्मीद कर रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक सतर्क रहने की सलाह दी है। इस संकट से उबरने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाना जरुरी है।

 

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