रेडक्रास और एनजीओज के सहयोग से होशियारपुर के बाढ़ प्रभावितों तक हर संभव मदद
जिला प्रशासन और समाज की साझी ताकत बाढ़ प्रभावितों के बीच बना विश्वास का आधार
होशियारपुर/ दलजीत अजनोहा : होशियारपुर जिले में कई स्थानों पर आई बाढ़ ने जहां कई गांवों को प्रभावित किया, वहीं डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन के कुशल नेतृत्व ने इस आपदा को सेवा और सहयोग का आंदोलन बना दिया। “चढ़दा सूरज अभियान” के अंतर्गत जिला प्रशासन और एन.जी.ओज ने मिलकर राहत कार्यों को जिस व्यवस्थित व मानवीय तरीके से अंजाम दिया है, वह जिले की एक मिसाल बन गया है। जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
रेडक्रास सोसायटी के नेतृत्व में उन्नति सहकारी सभा, बाबा दीप सिंह वेलफेयर सोसायटी, गुरु नानक सेवा सोसायटी (गांव गेरा, मुकेरियां), दोआबा किसान संघर्ष कमेटी, ह्यमैनिटी फर्स्ट, सरबत दा भला सेवा सोसायटी, गुरुद्वारा छेवीं पातशाही पुलपुख्ता, गांव पस्सी बेट, गांव गिलजियां, गांव नौशहरा पत्तन, लायंस क्लब टांडा, पेंट व हार्डवेयर एसोसिएशन, गुरु रामदास सेवा सोसायटी व अन्य समाजसेवियों ने लंगर सेवा, पशुओं को चारा उपलब्ध करवाने व अन्य राहत कार्यों को गति दी है। इसके अलावा बाबा दीप सिंह वेलफेयर सोसायटी व सिविल डिफेंस के वालंटियर्स ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाने में विशेष प्रयास किए हैं।
डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने जानकारी दी कि अब तक 1225 से अधिक बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाई गई। टांडा के अबदुल्लापुर गांव में 375 लोगों को तिरपाल व हाइजिन किट्स दी गईं, तलवाड़ा के चंगड़वां गांव में 150, मुकेरियां के मेहताबपुर में 300, हलेड़ में 100, कोलियां में 200 और मियाणी मलाह में 100 प्रभावितों को राहत पहुंची। उन्नति सहकारी सभा ने चंगड़वां राहत कैंप में 150 पीड़ितों के लिए तीन समय का भोजन सुनिश्चित किया।
रेडक्रास सोसायटी ने आगे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 2000 हाइजिन किट्स, तिरपालें, मच्छरदानियां, गद्दे और वाटर फिल्टर का सुरक्षित भंडारण भी किया है।
प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। अब तक 8 चिकित्सा शिविर लगाए गए, जिनमें दवाइयों व जरूरी जांच की सुविधाएं दी गईं। मोबाइल मेडिकल टीमें प्रभावित गांवों में जाकर दवाइयां, ओआरएस पैकेट और क्लोरीन की गोलियां वितरित कर रही हैं। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग संक्रामक व वेक्टर जनित बीमारियों पर पैनी नजर रखे हुए है।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 16 जिला रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) और 24 मोबाइल टीमें चौकसी पर हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ राहत पहुंचाना नहीं, बल्कि पीड़ित परिवारों को यह विश्वास दिलाना है कि पूरा जिला प्रशासन और समाज उनके साथ खड़ा है। यह संकट हमारी एकजुटता की ताकत को और मजबूत कर रहा है।