गढ़शंकर :4 अगस्त : शारीरिक रोगों के इलाज के लिए डॉक्टर सहिबान मनुष्य समाज के लिए परमात्मा का रूप होते हैं। भयानक बीमारियों के माहर डॉक्टर बनना बहुत कठिन भी है। किंतु बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी फरीदकोट के वाइस चांसलर तथा स्वास्थ्य मंत्री विवाद में डॉ राज बहादुर जी का एक तरफा पक्ष लेना उचित नहीं है। सरकारी अस्पतालों का अच्छी तकनीकी प्रबंध चलाने में वहां काम कर रहे प्रशासनिक डॉक्टर अधिकारियों का बड़ा फर्ज होता है। यदि प्रबंध में कमी के लिए सरकार का समर्थ मंत्री आकर जिम्मेवार डॉक्टर से पूछताछ कर लेता है तो अधिकारी डॉक्टरों को इज्जत का सवाल नहीं बनाना चाहिए। यह शब्द बसियाला एन आर आई वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकारी अध्यक्ष मास्टर गुरचरण सिंह बसियाला ने तथा उनके साथियों ने व्यक्त किए। उन्होंने इस विवाद को सियासी रंग देने को भी गलत करार देते कहा के बड़ा सवाल पैदा होता है कि जब भी किसी बड़े सरकारी अस्पताल में लोगों को लंबे समय से आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है तो कमियों के बारे सूचित करना वहां अधिकारी की जिम्मेदारी बनती है। यदि विभाग का मंत्री प्रशासनिक अधिकारियों से नहीं पूछेगा तो फिर कौन पूछ सकता है। इस मौके कार्यकारी सदस्य जगतार सिंह बसियाला, मुख्तियार सिंह, महेंद्र पाल सिंह, धर्मपाल सिंह, सूबेदार अवतार सिंह, रणदीप सिंह बसियाला आदि उपस्थित थे।
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प्रैस बयान देते गुरचरन सिंह बसियाला व उनके साथी।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तथा स्वास्थ्य मंत्री विवाद में एकतरफा पक्ष उचित नहीं- बसियाला
Aug 04, 2022