भूरीवालें संप्रदाय के सेवादारों की तीन दिवसीय संत समागम के प्रबंध को लेकर रखी मीटिंग श्री रामसर मोकश धाम में संपन
गढ़शंकर : श्री गुरू सतगुरू भरूीवाले गुरगद्दी परंपरा(गरीबदासी संप्रदाय)के दूसरे अवतार सतगुरू लाल दास जी महाराज भुरीवालों के अवतार दिवस को समर्पित श्री रामसर मोकष धाम टप्पिरयां खुर्द (नवांशहर)में 23 से 25 दिसंबर तक हो रहे तीन दिवसीय विशाल संत समागम की रूप रेखा तय करने के लिए भुरीवालें गुरगद्दी परंपरा के मुख्य सेवादारों की अहम मीटिंग मौजूदा गद्दीनशीन वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी ने महारारज भूरीवालों जी ने सेवादारों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में सेवा का सबसे बड़ी भूमिका है। सेवा सिमरदान कर जीव पुन्य इकत्र कर आपने जीवन को खुशमई व्यतीत कर जन्म मरने से मुक्त सचखंड सतलोक की प्राप्ति कर लेते है। वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद ने सेवादारों से कहा कि तीन दिवसीय विशाल संत समागम में देश व विदेश से संगत पहुंच रही है। संगत की सेवा सतगुरू का रूप समझ कर की जाए। आचार्य जी ने कहा कि खुद को कष्ट देकर दूसरों को सुख देना की सेवा है। इस दौरान ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने बताया कि तीन दिवसीय संत समागम को 6 सैकटरों में बांट कर सेवादारों में करीव 41 विंग बनाकर उन्हें डयुटियां सौंपी गई है। सेवादारों को 22 दिसंबर समागम की शुरू होने से एक दिन पहले श्री रामसर मोकश धाम पहुंच कर अपनी अपनी डयुटियां संभालने के निर्देश वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी ने दिए। इस दौरान संत समागम को बेहतर बनाने के लिए सेवादारों के सुझाव भी लिए गए। ट्रस्अ के सदस्यों के ईलावा मीटिंग में भारी संख्यां में सेवादार भी शामिल हुए।
फोटो: श्री रामसर मोकश धाम टप्पिरयां खुर्द में भूरीवाले गुरगद्दी परंपरा के सेवादारों की मीटिंग लेते हुए वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी महाराज भूरीवाले व मौजूद ट्रस्ट के सदस्य और सेवादार।
संगत को सतगुरू का रूप समझ कर सेवा की जाए : वेदांत आचार्य स्वामी चेतना नंद जी भूरीवाले
Dec 11, 2022