संगरूर, 6 फरवरी : पीआरटीसी, पनबस और पंजाब रोडवेज में 52 सवारियां बैठाने का चक्कर अब समाप्त हो गया है क्योंकि परिवहन अधिकारियों ने कर्मचारी संघ को 8 फरवरी को मुख्यमंत्री के साथ बैठक करवाने का आश्वासन दिया गया है। इसके चलते यूनियन ने प्रतिबंध और 52 यात्रियों को बैठाने को लेकर बनाए गए नियम को वापस ले लिया है। यूनियन ने केंद्र द्वारा बनाए गए ‘हिट एंड रन’ कानून और राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में बसों में 52 से अधिक यात्रियों को बैठाने से मना कर दिया था। इससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल और महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों की अध्यक्षता में जालंधर में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि लोगों की परेशानी को देखते हुए यह फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकारी बसों की संख्या कम होने के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यूनियन यात्रियों को परेशान नहीं करना चाहती, इसलिए वे अधिक यात्रियों को ले जाने और सीटें भरी होने पर यात्रियों को खड़े रहने की अनुमति देने पर सहमत हुए हैं ताकि अधिक लोग अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
आश्वासन हो रहे खोखले साबित : शमशेर सिंह ढिल्लों ने कहा कि सरकार द्वारा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के सारे आश्वासन खोखले साबित हो रहे हैं। विभाग द्वारा कच्चे कर्मचारियों को परेशान करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जिन्हें यूनियन बर्दाश्त नहीं करेगी। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की नई परिवहन नीति ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों पर तलवार लटका रही है, इसलिए इस नीति को कभी मंजूरी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को परिवहन नीति में किए गए बदलावों में सुधार करना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि अनुबंध कर्मचारियों को पक्का करने की फाइलों को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए।