पंजाब से किसानों ने मंगलवार को सुबह अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू कर दिया है। किसानों की अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना है। शंभू बॉर्डर भारी हंगामा भी हुआ है। जहां किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं और स्थिति तनावपूर्ण है। किसान दो साल बाद फिर से सड़कों पर उतरे हैं। किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है और सुरक्षा के भारी इंतजाम हैं। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि किसान दिल्ली कूच क्यों कर रहे हैं और अन्नदाता की मांगें क्या हैं।
किसानों की यह हैं मांगें : न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनाया जाए।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए।
- किसान कृषि ऋण भी माफ करने की मांग कर रहे हैं।
- लखीमपुर खीरी मामले पर किसान परिवार को मुआवजा दिया जाए।
- किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए।
- कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फल और सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए।
- 58 साल से अधिक उम्र के किसानों के लिए पेंशन योजना लागू कर उन्हें 10 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाए।
- कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को उसी तरह से लागू किया जाए। इस संबन्ध में केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को दिए निर्देशों को रद्द किया जाए।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान किया जाए। सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाया जाए और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन किया जाए।