एएम नाथ। शिमला : राजेंद्र राणा समेत 6 क्रॉस वोटर्स को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद हिमाचल में उठक पटक का दौर खूब चला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा देवी सिंह नाराज दिखीं तो बेटे विक्रमादित्य ने भी दिल्ली का रुख किया।
राज्यसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस में घमासान मचा था। 6 कांग्रेसियों ने भाजपा के पक्ष में वोट डाले। इसके बाद कांग्रेस भाजपा के हाथ हार गई। इसके बाद हिमाचल विधानसभाध्यक्ष ने 6 बागियों की सदस्यता भी रद्द कर दी ताकि कांग्रेस सरकार पर मंडराते खतरे के बादल छट जाएं। कोर्ट जाने के बाद बागियों में से एक राजेन्द्र राणा ने सोशल मीडिया के जरिए अपने दिल की बात कही है।
राजेंद्र राणा ने कसा तंज : राणा सुक्खू सरकार के खिलाफ खुलकर लगातार बोलते आए हैं। तब भी जब पार्टी में थे और अब भी जब बाहर आ गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है- “देखो इन पर कैसा सुरूर है छाया कि कुछ तालाब भी खुद को समंदर समझ बैठे हैं… अब वक्त कराएगा इन्हें हदों का एहसास जब देवभूमि का बच्चा-बच्चा बोल उठेगा कि बगावत केवल ईमानदार और स्वाभिमानी लोग ही करते हैं। चापलूस तो तलवे चाटकर शर्मसार करते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बागी विधायक : कांग्रेस के बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। जल्द ही इस पर सर्वोच्च अदालत जल्द ही सुनवाई कर सकता है। स्पीकर की ओर से 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। व्हिप का उल्लंघन पर पर स्पीकर ने इन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया था। इन विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल और देवेंद्र कुमार शामिल हैं। ये सभी विधायक फिलहाल पंचकूला के एक होटल में ठहरे हुए बताए जा रहे हैं।
क्या कहा था स्पीकर ने : स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा था- हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया, “दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी…6 विधायक जिन्होंने चुनाव कांग्रेस से लड़ा और दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ याचिका मिली…मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है…मैंने उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।”