राजस्थान पुलिस अकादमी में फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर ट्रेनिंग करने वाली मूली उर्फ मोना बुगालिया के किराए के मकान की पुलिस ने तलाशी ली। सर्च के दौरान मकान में 7 लाख रुपए, पुलिस की वर्दी और कई तरह के दस्तावेज मिले है। दस्तावेजों की जांच की जाएगी। फर्जी सब इंस्पेक्टर महिला के कमरे में तीन अलग-अलग पुलिस वर्दी बरामद हुई। इसके अलावा उसके कमरे से 7 लाख रुपए की नगदी भी मिली। पिछले वर्ष इस महिला के फर्जी सब इंस्पेक्टर होने का मामला सामने आया था। तब से यह महिला फरार है, पुलिस आरोपी महिला की लगातार तलाश कर रही है।
फर्जी महिला सब इंस्पेक्टर नागौर निवासी मूली उर्फ मोना के खिलाफ पिछले साल शास्त्री नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने सर्च अभियान के दौरान उसके कमरे से सात लाख रुपये बरामद किए। इसके अलावा उसके कमरे से तीन अलग-अलग पुलिस की वर्दी भी मिली है। पुलिस ने बताया कि फर्जी पुलिसकर्मी मोना नागौर की रहने वाली है, उसके पास बीए और बीएड की डिग्री है। फर्जी सब इंस्पेक्टर के कमरे से आरपीए के इंटरनल एग्जाम के पेपर और अन्य दस्तावेज मिले हैं।
इस उपनिरीक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में किसी विषय पर बहस के दौरान उपनिरीक्षक को धमकी देने से मोना का फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। अब आरपीए ने मोना के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में मामला दर्ज कराया। नागौर जिले के निंबा का बास निवासी मोना बुगालिया सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही थी। मोना का सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में चयन नहीं हुआ। तीन साल पहले जब फाइनल रिजल्ट आया, तो मोना ने सब-इंस्पेक्टर पद पर अपने चयन की खबर सोशल मीडिया पर फैला दी। चयन पर रिश्तेदारों व गांव के लोगों ने बधाई दी है। पुलिस ने बताया कि फर्जी सब इंस्पेक्टर बनी मोना खुद को आईबी का अफसर बताती थी। इसको लेकर वह लोगों में अपना रौब झाड़ती थी। आरोपी मोना ने बिना भर्ती परीक्षा पास किया 2 साल तक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लिया। इस दौरान उसने एडीजी के साथ टेनिस भी खेली और पूर्व डीजीपी की बेटी की शादी में शामिल भी हुई। वह मंदिरों में अपना वर्दी का रौब दिखाकर वीआईपी दर्शन भी करती थी।