संजौली मस्जिद समिति ने नगर निगम शिमला के न्यायालय के आदेश के बाद बड़ा कदम उठाया है। समिति ने मस्जिद में बनें ‘अवैध’ हिस्से को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। अध्यक्ष लकी मोहम्मद लतीफ नेगी ने कहा कि 5 मंजिलों वाली संजौली मस्जिद को गिराने की प्रक्रिया छत से आरंभ होगी, क्योंकि हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने आंशिक तौर से गिराने की मंजूरी दे दी है।
ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को संजौली मस्जिद प्रकरण को दो महीने में हल करने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संदीप शर्मा की तरफ से जारी किए गए हैं। अपने आदेशों में अदालत ने नगर निगम आयुक्त को कहा है कि 8 हफ्तों में मस्जिद के मुख्य केस की प्रोसिडिंग पूर्ण की जाए।
इधर संजौली मस्जिद पर हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि ”मस्जिद के लोगों ने खुद कहा था कि अगर कुछ अवैध होगा, तो हम उसे तोड़ देंगे, इसलिए हमारे मुस्लिम समुदाय के भाई, मस्जिद के प्रमुख, इमाम, वह स्वयं इसे (ध्वस्त करना) चाहते हैं क्योंकि यह अवैध है।”
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शांति की अपील की : हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, ”सबसे पहले, मैं उस पहल का स्वागत करता हूं, जो उन्होंने आज से स्वेच्छा से अवैध इमारत और उसके 3 मंजिल के अवैध हिस्से को गिराने के लिए की है,चूंकि मामला अंदर है नगर आयुक्त की कोर्ट है, वे वहां अर्जी दाखिल करें कि उन्हें समय विस्तार चाहिए, वहां निर्णय लिया जायेगा, मुझे लगता है कि इस मामले में मेरा कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं राज्य की जनता से अपील करता हूं अच्छा माहौल बनाए रखने के लिए ऐसी कोई स्थिति नहीं होनी चाहिए जिससे भाईचारा खराब हो। हमें प्रदेश को आगे ले जाना है और प्रदेश के 70 लाख लोगों के हितों की रक्षा करनी है, चाहे वे किसी भी क्षेत्र, जाति या धर्म के हों।”
साल 2010 में हुई थी शिकायत : संजौली में अवैध निर्माण को लेकर साल 2010 में स्थानीय लोगों की तरफ से नगर निगम में एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस शिकायत में बताया गया था कि संजौली में मस्जिद का अवैध निर्माण किया जा रहा है। संबंधित अथॉरिटी की मंजूरी और बिना नक्शा पास करवाए ही निर्माण किया जा रहा है।
इस मामले में संजौली के स्थानीय लोगों कोर्ट का रुख किया था। अधिवक्ता जगत पाल में बताया कि 19 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में उन्होंने याचिका दाखिल की थी। उन्होंने याचिका संख्या- 11700/2024 में मस्जिद के अवैध निर्माण के प्रकरण में समयबद्ध मामले का निपटारा करने के लिए अदालत से आग्रह किया था। अब अपने आदेशों में अदालत ने नगर निगम आयुक्त को कहा है कि 8 हफ्तों में मस्जिद के मुख्य केस की प्रोसिडिंग पूर्ण की जाए।