नई दिल्ली । पंजाब की राजनीति में बड़ा खेला होने की संभावना है। कांग्रेस के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर व उनकी बेटी ने भाजपा नेता तरनजीत सिंह संधू से मुलाकात की।
इस मुलाकात के बाद कयासों के बाजार गर्म हैं। डॉ. नवजोत कौर ने अमृतसर में तरनजीत सिंह संधू के आवास पर उनसे भेंट की। इस दौरान सिद्धू दंपती की बेटी राबिया सिद्धू भी साथ थी। इधर राजनीति में खुदबुदाहट हुई तो दूसरी तरफ कांग्रेस आलाकमान में हलचल तेज हो गई।
संधू ने लिखा कि ‘समुद्री हाउस में डॉ. नवजोत से मिलना और अमृतसर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना एक सुखद अनुभव रहा।’ भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के दबे स्वर में जानकारी साझा हो रही है कि नवजोत सिद्धू कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। विशेष बात यह है कि तरनजीत सिंह संधू की भाजपा केंद्रीय हाईकमान में अच्छी पहुंच है और चुनाव हारने के बाद भी पार्टी उन्हें बड़ा पद दे सकती हैं।
जानकारी के अनुसार, नवजोत सिंह सिद्धू ने 2004 में पहली बार अमृतसर सीट से भाजपा के टिकट पर संसदीय चुनाव लड़ा। वहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता रघुनंदन लाल भाटिया को पराजित कर जीत दर्ज की। 2007 में सिद्धू को चुनाव प्रचार में अहम जिम्मेदारी सौपी गई।
भाजपा का राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग का कार्यालय भी संभाला। 2012 में विधानसभा चुनाव लड़कर भारी वोटों से विजय हासिल की। 2016 में भाजपा छोड़कर वो कांग्रेस में शामिल हो गए। दरअसल 2014 में सिद्धू का टिकट काटकर अरुण जेटली को अमृतसर से टिकट दिया था।
जिससे नाराज होकर उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। 2017 में सिद्धू ने कांग्रेस ज्वाइन की और पार्टी ने उन्हें अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। सिद्धू जीते तथा कांग्रेस सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री के पद पर विराजमान हुए। सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच भ्रष्टाचार व प्रशासनिक मामलों में कई मतभेद उभरने लगे।
2022 के विधानसभा चुनाव में पराजित होने के पश्चात नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज मामले में एक वर्ष की सजा हुई थी। 2023 में वह जेल से बाहर आए और फिर कांग्रेस की सक्रिय राजनीति से दूर हो गए।