शंभू और खानुरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 14 दिसंबर को अहम बैठक की है. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने मंत्रियों से किसान आंदोलन के बारे में जानकारी ली है।
संसद भवन में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने आंदोलन के बारे में बात की और हालात की जानकारी ली है। इसके साथ ही बैठक में पीएम ने महाराष्ट्र में बनने वाले मंत्रिमंडल को लेकर भी चर्चा की।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार सक्रिय नजर आ रही है. कुछ दिन पहले कोर्ट ने दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि दल्लेवाल की जिंदगी अनमोल है. इसके चलते उन्हें मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए, लेकिन किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे चल रहा है. इसलिए उन पर कोई सख्ती नहीं की जानी चाहिए।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके : 14 दिसंबर को हरियाणा पुलिस ने संभू बॉर्डर से किसानों को हटाने की कोशिश की थी. जिस दौरान किसान पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पानी की बौछारें की गईं। खबर है कि पुलिस की इस कार्रवाई में कई किसान घायल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया।
हरियाणा के किसान और महिलाएं होंगी शामिल : किसानों पर लाठीचार्ज के बाद किसानों ने दिल्ली मार्च 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली कूच करने वाले अगले जत्थे में हरियाणा के किसान और महिलाएं भी शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह जत्था दिल्ली के लिए कब रवाना होगा।
पंजाब को छोड़कर पूरे देश में निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च : पंधेर ने आंदोलन की अगली रूपरेखा की घोषणा करते हुए कहा कि 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. वहीं पंजाब में 18 दिसंबर को ट्रेनें रोकी जाएंगी. ट्रेन रोकने का यह आंदोलन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक होगा
‘कोई नुकसान हुआ तो मोदी सरकार जिम्मेदार’ : किसानों पर लाठीचार्ज के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अगर किसी किसान को कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदार मोदी सरकार होगी. उन्होंने कहा कि दल्लेवाल से ज्यादा कीमती किसानों की जान है।