राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के बाद पंजाब में हलचल शुरू हो गई है. इस बीच आप विधायकों की दिल्ली में बैठक हुई. ये बैठक आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुलाई थी। इस दौरान पूर्व सीएम केजरीवाल ने विधायकों से कहा कि अगले दो साल काम पर ध्यान दें, पंजाब में सरकार रिपीट करेंगे और फिर दिल्ली में आएंगे।
बैठक को अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने संबोधित किया. बैठक में विधायकों को निर्देश दिए गए कि अगर कोई अफसर सुनवाई नहीं करता है तो, ऊपर शिकायत करें।
बगावत के दावों पर क्या बोले भगवंत मान?
पंजाब के विधायकों की ये बैठक ऐसे समय में बुलाई गई, जब दिल्ली में आप की हार हुई है और कांग्रेस ने दावा किया है कि आप के 25 से 30 विधायक उसके संपर्क में हैं. कांग्रेस का यह भी कहना है कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं।
इन दावों को आप ने खारिज किया है. खुद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार (11 फरवरी) को बैठक के बाद कहा कि हमारे वर्कर डैडिकेटेड हैं. वो किसी लालच के लिए नहीं हैं।
साथ ही उन्होंने नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के दावों पर कहा, ”वो पौने तीन साल से यही कह रहे हैं. उन्हें कहने दें, हमारे विधायकों की गिनती नहीं करो, पहले अपने विधायक दिल्ली में गिन लो.” कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया है कि AAP के 25 से 30 विधायक संपर्क में हैं।
बता दें कि पंजाब विधानसभा में कुल 117 विधायक हैं. इनमें से AAP के 93 और कांग्रेस के 16 विधायक हैं. यहां सरकार बनाने के लिए 59 विधायकों की जरूरत होती है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में 22 सीटें मिली है. इसी के साथ उन्होंने 10 सालों की सत्ता खो दी. बीजेपी ने यहां 48 सीटों पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस लगातार तीसरे चुनाव में खाता खोलने में नाकामयाब रही।