एएम नाथ । शिमला :हिमाचल प्रदेश में नई पंचायतों के गठन को लेकर सरकार जल्द निर्णय लेगी। ग्रामीण विकास और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने स्पष्ट किया कि इस पर अंतिम फैसला मंत्रियों और विधायकों से चर्चा के बाद लिया जाएगा।
अब तक करीब 700 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, लेकिन एक पंचायत के गठन पर करीब आठ करोड़ रुपये का खर्च आता है। यह बजट पंचायत भवन निर्माण, भूमि चयन, फर्नीचर आदि पर खर्च होता है।
बीपीएल परिवारों का नए सिरे से चयन : मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने राज्य सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि अप्रैल से प्रदेश में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों का सर्वे शुरू होगा।इसमें बीडीओ और एसडीएम पात्र परिवारों का चयन करेंगे, जबकि अंतिम सूची पंचायतों के माध्यम से भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत प्रधान इस चयन में अंतिम निर्णय नहीं लेंगे, क्योंकि पहले कई मामलों में प्रधान राजनीतिक लाभ के लिए अपात्र लोगों को बीपीएल सूची में शामिल कर देते थे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस मामले को लेकर गंभीर हैं और सरकार इस बार पारदर्शी प्रक्रिया अपनाएगी।
नशा निवारण के लिए सख्त कदम : मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने प्रदेश में बढ़ते नशे को गंभीर बीमारी बताया और कहा कि इसे रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने नेता विपक्ष जयराम ठाकुर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने किसी चहेते एनजीओ को 97 लाख रुपये नहीं दिए। यह भारत सरकार की ओर से मंजूर की गई राशि थी, जो एक एनजीओ को नशा निवारण केंद्र खोलने के लिए दी गई।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और वह ही तय करेगी कि किस योजना के लिए कितना बजट शिफ्ट किया जाए। विपक्ष को इस पर चिंता करने की जरूरत नहीं है।कांग्रेस विधायक और पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजय अवस्थी ने भी कहा कि भाजपा इस समय अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, इसलिए नेता विपक्ष जयराम ठाकुर सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं।