जालंधर : विदेशों में नौकरी की तलाश में कई लोग गलत हाथों में फंस जाते हैं।
हाल ही में ओमान से लौटने वाली कुछ लड़कियों ने अपनी भयानक अनुभव साझा किए हैं। इनका कहना है कि उन्हें वहां 17 से 18 घंटे काम करना पड़ता था और इसके साथ ही यौन शोषण का भी सामना करना पड़ा।
यदि आप किसी ट्रेवल एजेंट के माध्यम से विदेश में नौकरी के लिए जा रहे हैं, तो उसकी विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें। भारत के विभिन्न हिस्सों से लोग विशेष रूप से दुबई, ओमान, आबूधाबी और मस्कट जैसे देशों में काम की तलाश में जाते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें बुरे अनुभवों का सामना करना पड़ता है।
इन लड़कियों में चरणजीत कौर, संदीप कौर और अन्य शामिल हैं, जिन्हें दिल्ली के एक ट्रेवल एजेंट के माध्यम से ओमान भेजा गया था। ट्रेवल एजेंट ने उन्हें नीलू नाम की एक महिला के पास भेजा, जो मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली है।
पीड़ित लड़कियों ने बताया कि वे ओमान पहुंचने पर खुश थीं, लेकिन वहां पहुंचते ही उनका पासपोर्ट छीन लिया गया। नीलू ने उन्हें विभिन्न स्थानों पर काम करने के लिए भेजा। लड़कियों का कहना है कि यह अनुभव उनके लिए नरक जैसा था। उन्हें बहुत काम कराया गया, लेकिन कोई पैसा नहीं मिला।
चरणजीत ने बताया कि उसके पास 50 हजार रुपए थे, लेकिन वह भी छीन लिए गए। ये लड़कियां अमृतसर, संगरूर और बटाला की रहने वाली हैं। नीलू इन लड़कियों को 1500 रियाल यानी लगभग ढाई लाख रुपए में बेच देती थी। मालिकों द्वारा उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता था। उन्हें सुबह से रात तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। नीलू पर आरोप है कि वह कई भारतीय लड़कियों को शेखों को बेच देती थी, जहां उन्हें भयानक यातनाएं दी जाती थीं।