अमृतसर। खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह के सहयोगी पपलप्रीत सिंह की हिरासत पंजाब पुलिस को मिल गई है। अमृतसर के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) गुरविंदर सिंह ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि पपलप्रीत सिंह को आज अदालत में पेश किया गया और हमें उसकी 18 अप्रैल तक यानी तीन दिनों तक हिरासत मिली है।
पंजाब पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के प्रावधानों के तहत पपलप्रीत सिंह को हिरासत में लेने के लिए 9 अप्रैल को डिब्रूगढ़ पहुंची थी।
NSA के तहत हुई थी गिरफ्तारी
पपलप्रीत सिंह को 10 अप्रैल को होशियारपुर में पंजाब पुलिस द्वारा चलाए गए एक अभियान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कार्रवाई अमृतपाल के समर्थकों द्वारा 23 फरवरी, 2023 को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला करने के लगभग तीन सप्ताह बाद की गई थी। दरअसल, अमृतपाल के समर्थक अपने करीबी सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग कर रहे थे जिसके बाद पुलिस स्टेशन पर अटैक किया गया।
आरोपों को खारिज करते हुए, पपलप्रीत सिंह के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि पुलिस स्टेशन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया था और उन्होंने केवल पंजाब में नशीली दवाओं के उपयोग को रोकने की कोशिश की थी।
क्या बोलीं पपलप्रीत की मां
पपलप्रीत की मां मनधीर कौर ने कहा, “यह दुनिया के सामने स्पष्ट रूप से है। उन्होंने लोगों को नशीली दवाओं से दूर रखने की कोशिश की और उन्हें अपने गुरुओं के उपदेशों को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी मांग की कि पपलप्रीत सिंह को जमानत दी जानी चाहिए। पपलप्रीत के मामा अमरजीत सिंह वांगचडी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों को कहानी का केवल एक पक्ष बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा, वे कहानी का सिर्फ एक पक्ष पेश कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि उसने (पपलप्रीत) गलत किया, लेकिन उसे 4,000 किलोमीटर दूर भेजना, वह भी एनएसए के तहत, उचित नहीं था। 1984 के दंगों या गुजरात के वडोदरा दंगों के दौरान कितने लोगों पर एनएसए के तहत आरोप लगाए गए थे?
उन्होंने आगे कहा कि पपलप्रीत एक पत्रकार हैं और वे चुनावों के दौरान मान के निजी सहायक थे। पपलप्रीत के वकील हरपाल सिंह खारा ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में पुलिस और राज्य के अधिकारियों को भी जानकारी नहीं है। खारा ने कहा कि उन्होंने दो लोगों को दो अलग-अलग शहरों में घूमते हुए दिखाया। इस बारे में कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता। साथ ही, पुलिस स्टेशन से कुछ भी चोरी नहीं हुआ।
वे कह रहे हैं कि पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। वकील ने आगे आरोप लगाया कि “पुलिस और राज्य रिमांड और जांच के नाम पर कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते रहेंगे।” उन्होंने कहा, “यह केवल नाटक है। उन्हें डर है कि ‘पार्टी’ फल-फूल सकती है, और वे केवल इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं