पहलगाम आतंकी हमले बाद भारत ने पाकिस्तान पर प्रहार करने की शुरुआत उसका पानी रोककर किया था। इसके तहत चिनाब नदी पर बने सलाल और बगलिहार डैम के सभी गेट बंद कर दिए गए थे। लेकिन, अब भारत ने पाकिस्तान पर दोहरी मार की है। भारत ने दोनों डैम के सभी गेट एक साथ खोल दिए हैं. इससे एक साथ नदी में अधिक पानी जाने से पाकिस्तान में बाढ़ के हालात बन सकते हैं।
भारत ने जम्मू-कश्मीर में दो जलविद्युत बांधों – सलार बांध और बगलिहार बांध के कुछ Sluice Gates खोल दिए हैं. बांध के आसपास के इलाकों में हाल में भारी बारिश के बाद भारत ने ये कदम उठाया है. दोनों बांधों के जलाशयों को पिछले शुक्रवार और शनिवार को गाद निकालने की प्रक्रिया की वजह से पानी का स्तर काफी घट गया था. भारत की इस कार्यवाई की वजह से दो दिन पहले पाकिस्तान की ओर बहने वाली चेनाब नदी में जम्मू के अख़नूर इलाके में पानी का स्तर कमर से भी नीचे चला गया था।
बाढ़ से तबाह हो सकता है पाकिस्तान
चेनाब नदी पर बने सलाल और बगलिहार डैम के गेट भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बंद कर दिए थे. इससे पाकिस्तान पर एक तरह से वाटर स्ट्राइक की गई थी. लेकिन, अब भारत ने दोनों डैम के कई गेट एक साथ खोल दिए हैं. ऐसे में अब पाकिस्तान में बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है।
बगलिहार डैम प्रोजेक्ट एक पनबिजली परियोजना है. इंडस वॉटर ट्रीटी के तहत इसे तैयार किया गया था. यह रन ऑफ द रिवर स्कीम है. बगलिहार डैम प्रोजेक्ट में पानी स्टोरेज की ज्यादा क्षमता नहीं है. केंद्रीय जल आयोग के पूर्व चेयरमैन रहे ऐके बजाज के मुताबिक इस डैम में सिर्फ तीन से 6 दिन तक ही पानी को रोकना संभव है।
क्यों खोले गए डैम के गेट?
जम्मू-कश्मीर रीजन में भारी बारिश के बाद जलाशयों में काफी पानी जमा हो गया है. इसके बाद चिनाब नदी पर बने सलाल और बगलिहार डैम पर बने छह गेट को खोल दिए गए हैं. बारिश की वजह से तापमान में गिरावट भी आई है. लेकिन, जलभराव की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. रामबन जिले के चंबा सेरी में लैंडस्लाइड के बाद जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर यातायात ठप हो गया है. कई यात्री फंस गए हैं।
कृषि मंत्री ने कही ये बात
उधर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा, “साल 1960 में जो सिंधु जल संधि हुई थी, वो एक ऐतिहासिक गलती थी. देश और किसानों का दुर्भाग्य रहा कि हमारे देश से बहने वाली नदियों का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया गया…सिंधु नदी के पानी पर हमारे किसानों का हक है, एक-एक बूंद का उपयोग खेती,बिजली और विकास में करेंगे, इससे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल-प्रदेश के किसानों के लिए सिंचाई के लिए अधिक पानी मिल सकेगा”।