सांसद चंद्र शेखर आजाद पर पीएचडी स्कॉलर रोहिणी घावरी ने लगाए संगीन आरोप…..इस्तेमाल कर छोड़ दिया

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नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के संस्थापक चंद्र शेखर आजाद एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी सामाजिक सक्रियता नहीं, बल्कि एक गंभीर विवाद है। इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने उन पर मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।
रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी आपबीती साझा कर समाज में महिलाओं के साथ होने वाले छल और दर्द को उजागर किया है। उनकी यह पोस्ट न केवल वायरल हो रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर तीखी बहस का कारण भी बन रही है। आइए, इस मामले को गहराई से समझते हैं।
एक महिला की पीड़ा, समाज की सच्चाई
डॉ. रोहिणी घावरी ने अपने लंबे और भावुक पोस्ट में बताया कि कैसे उनके और चंद्र शेखर आजाद के बीच कथित निजी संबंध थे। रोहिणी का दावा है कि चंद्र शेखर ने उन्हें प्यार के जाल में फंसाया और उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण वर्षों को बर्बाद किया। उन्होंने लिखा, “25 से 30 साल की उम्र, जब एक महिला को अपने जीवनसाथी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उस वक्त मुझे प्यार का भरोसा देकर छोड़ दिया गया। जब मैंने शादी की बात उठाई, तो मुझे अकेले छोड़कर चले गए।” रोहिणी की यह कहानी केवल उनकी नहीं, बल्कि उन तमाम महिलाओं की है, जो प्यार में धोखा खाकर भावनात्मक और मानसिक तनाव से गुजरती हैं।
समाज का दोहरा चेहरा
रोहिणी ने अपनी पोस्ट में समाज के उस क्रूर चेहरे को भी उजागर किया, जो ऐसी स्थिति में महिलाओं को ही दोषी ठहराता है। उन्होंने लिखा, “जब एक महिला अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती है, तो उसे ब्लैकमेलर या षड्यंत्रकारी कहकर खारिज कर दिया जाता है। समाज और परिवार उसका साथ देने की बजाय उसके चरित्र पर सवाल उठाते हैं।” रोहिणी का कहना है कि ऐसी स्थिति में कई महिलाएं आत्मघाती विचारों का शिकार हो जाती हैं। उनकी पोस्ट में यह दर्द साफ झलकता है कि कैसे एक महिला का विश्वास टूटने के बाद उसका पूरा जीवन बिखर जाता है।
“मेरी ईमानदारी मेरा सबूत है”
रोहिणी ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि उन्होंने अपनी कहानी इसलिए साझा की, ताकि दूसरी महिलाओं को हिम्मत मिले। उन्होंने लिखा, “अगर मैं अपने लिए नहीं लड़ी, तो देश की बाकी बेटियों के लिए क्या लड़ूंगी? मेरी ईमानदारी ही मेरा सबसे बड़ा सबूत है।” उनकी यह बात न केवल उनकी दृढ़ता को दर्शाती है, बल्कि समाज में बदलाव की जरूरत को भी रेखांकित करती है। रोहिणी ने उन तमाम महिलाओं की आवाज बनने की कोशिश की है, जो चुपचाप इस दर्द को सहती हैं।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
रोहिणी की पोस्ट के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे एक साजिश का हिस्सा बता रहे हैं। यह मामला न केवल चंद्र शेखर आजाद की छवि पर सवाल उठा रहा है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति व्यवहार और प्यार के नाम पर होने वाले छल को भी सामने ला रहा है।
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