केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा श्रम कानूनों का उल्लंघना कर दिहाड़ी के घंटे बढ़ाकर इतिहास को पलटने की कोशिश की जा रही : मुकेश कुमार
गढ़शंकर, 13 जून : पंजाब सरकार ने श्रम नियमों को खत्म करके कोरोना काल में केंद्र द्वारा पारित चार श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए कल दिहाड़ी के घंटे बढ़ाने की कल की जारी अधिसूचना के खिलाफ इफ्टू द्वारा दिए गए आह्वान पर डेमोक्रेटिक इंप्लाइज फेडरेशन पंजाब और ग्रामीण मजदूर यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से डीएमएफ नेता हंस राज गढ़शंकर, सतपाल कलेर और मजदूर नेता बगीचा सिंह सहूंगड़ा और परमजीत सिंह चौहड़ा के नेतृत्व में कर्मचारियों और मजदूरों की ओर से डिप्टी स्पीकर जय किशन रौड़ी के माध्यम से पंजाब के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
यह जानकारी देते हुए डेमोक्रेटिक इंप्लाइज फेडरेशन के नेता मुकेश कुमार, सुखदेव डानसीवाल और मजदूर नेताओं ने कहा कि पिछले 34 वर्षों से दुनिया भर के बड़े कॉरपोरेट्स के दिशा-निर्देशों के तहत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू की जा रही आर्थिक नीतियों के अगले चरण के रूप में श्रम कानूनों का उल्लंघन करके और दिहाड़ी के घंटे बढ़ाकर इतिहास को पलटने की कोशिश की जा रही है। इन दिशा-निर्देशों के तहत पंजाब सरकार ने दिहाड़ी के घंटे भी 8 से बढ़ाकर 12 कर दिए हैं। संघर्ष के पहले पड़ाव के तौर पर आईएफटीयू, डीएमएफ और ग्रामीण कर्मचारी यूनियन द्वारा 13 जून को पंजाब भर में विधायकों/मंत्रियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजे जा रहे हैं और 9 जुलाई को इन मजदूर विरोधी, कर्मचारी विरोधी और लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया जा रहा है। नेताओं ने कहा कि पूंजीपति वर्ग ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने की चाह में आने वाले समय में मजदूर वर्ग को बाहर करना चाहता है। मजदूर वर्ग ही पूंजीपति है। उसके ये मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। इस समय मांग पत्र सौंपते समय किरती किसान यूनियन के राज्य नेता हरमेश सिंह ढेसी, कर्मचारी नेता राजिंदर सिंह, मनजीत सिंह बंगा, मनदीप कुमार और अवतार सिंह तारी, राज कुमार सरोया, संजीव कुमार और मक्खन सिंह आदि मौजूद थे।
फोटो : दैनिक मजदूरी का समय 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने के खिलाफ मुख्यमंत्री के नाम का डिप्टी स्पीकर रौड़ी को ज्ञापन सौंपते डेमोक्रेटिक एम्प्लाइज फेडरेशन और ग्रामीण मजदूर संघ के नेता और कार्यकर्ता।