पंचकूला. हरियाणा के पंचकूला की साइबर थाना पुलिस ने 82 लाख रुपये के डिजिटल अरेस्ट केस में एचडीएफसी बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार किया है. अब आरोपी को दो दिन के रिमांड पर भेजा गया है. पंचकूला के सेक्टर-20 के रहने वाले शख्स से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 82 लाख रुपये ठगे गए थे.
इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियो को पहले ही गिरफ्तार किया था.
जांच में पुलिस को पता चला कि इस केस में एचडीएफसी बैंक का मैनेजर भी शामिल है और वह पंजाब के मुक्तसर के रुपाना में तैनात है. जांच अधिकारी सुखविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी से पूछताछ की जाएगी.
साइबर थाना पुलिस के जांच अधिकारी सुखविंदर सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उन्हें एक कॉल के दौरान धमकाया गया और कहा कि आपका पैसा मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किया गया है. दिल्ली से सीबीआई और आईपीएस अधिकारी के नाम पर फोन किए गए। इस दौरान कुल 82 लाख रुपये 77 अलग अलग बैंक खातों में डलवाए गए. जांच अधिकारी ने बताया कि इस सारे मामले में शामिल पंजाब के मुक्तसर के रुपाणा की एचडीएफसी बैंक की ब्रांच में भी पैसा ट्रांसफर हुआ था.
महिला के नाम से लगाए गए चैक : जांच पड़ताल में पाया गया कि इस बैंक से तीन चेक से कुछ पैसे निकाले गए और सुनीता नाम की महिला के नाम से चेक लगाए गए. बैंक की सीसीटीवी फुटेज में पाया कि एक आरोपी मुकेश कैश लेकर गया था. पुलिस उसे पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. मामले में महिला सुनीता को गिरफ्तार करके पूछताछ की तो उसने बताया कि मेरा खाता कब खुला, मुझे पता नहीं और ना ही मैं ब्रांच में गई हूं. हालांकि, जांच में पता चला कि सभी चेक रुपाणा के एचडीएफसी बैंक में कैश हुए हैं. उधर, एचडीएफसी बैंक के मैनेजर की आरोपियों के साथ कॉल डिटेल चेक की गई तो बैंक मैनेजर की मिली-भगत का पता चला.
कार्तिक और गोरा नाम के आरोपी फरार : पुलिस ने बताया कि इस मामले में कार्तिक और गोरा नाम के आरोपी फरार हैं और उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस ने बताया कि करीब 82 लाख के करीब डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी की गई थी और सारा पैसा पंजाब के मुक्तसर के रुपाणा में स्थित एचडीएफसी बैंक में गया था. इस मामले में बैंक मैनेजर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने बताया कि बैंक मैनेजर प्रीत इंद्र आठ-नौ महीने से एचडीएफसी बैंक में काम करत रहा था. सभी चेक मैनेजर ने भरे और अमाउंट निकाला.