आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने में बैंक की भूमिका अति महत्वपूर्ण: डॉ. अमित शर्मा

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योजनाओं के पात्रों को ऋण देने में उदारता दिखाएं बैंक, ऊना ज़िला के बैंको ने वित्त वर्ष 2021-22 में बांटे 1592.42 करोड़ के ऋण
ऊना  : आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बैंकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। इसके लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों को उदारता के साथ बैंक ऋण उपलब्ध करवाएं। यह वक्तव्य बुधवार को बचत भवन ऊना में आयोजित जिला स्तरीय बैंक सलाहकार एवं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा ने दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वार्षिक ऋण योजना के अन्तर्गत फसल ऋण, सिंचाई उपकरण ऋण, भूमि विकास, फार्म बिल्डिंग, पौधरोपण व बागवानी, डेयरी फार्मिंग, मत्स्य व मौन पालन, सौर उर्जा के साथ-साथ लघु उद्योग व सीमांत उद्योग स्थापित करने के लिए लोगों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत बैंकों के माध्यम से आसान दरों पर ऋण सुविधा दी गई है। इसके अलावा केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जनहित में प्रायोजित कार्यक्रमों व योजनाओं के माध्यम से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड व स्वयं सहायता समूहों में स्वरोज़गार सृजित करने हेतु सकारात्मकता के साथ ऋण प्रदान किये जाएं ताकि लोग स्वरोज़गार अपनाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकें।
एडीसी ने बताया कि ने कहा कि ज़िला के बैंकों ने वित्त वर्ष 2021-22 में 1592.42 करोड़ के ऋण वितरित किये तथा बैंकों की जमा राशि में 9.72 प्रतिशत वृद्धि के साथ 11398 करोड़ 23 लाख हो गयी है, जबकि ऋण राशि 9.47 प्रतिशत ़की दर से बढ़कर 3477 करोड़ 82 लाख पहुंच गई है। लेकिन ज़िला में ऋण व जमा अनुपात वर्ष में 30.51 प्रतिशत रहा जोकि राष्ट्रीय लक्ष्य 60 प्रतिशत की अपेक्षा बहुत कम है तथा इस अनुपात में सुधार लाने हेतु बैंकों और सरकारी एजैंसियां को और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। ज़िला में बैंकों ने 31 मार्च 2022 तक 60505 कृषि कार्ड किसानों को बांटे हैं जिसमें 846 कृषि कार्ड वर्ष की अंतिम तिमाही में वितरित किये गये हैं। बैंकों का कृषि ऋण 668.04 करोड़ है जो कि कुल ऋणों का 19.21 प्रतिशत है।
इस अवसर पर मुख्य ज़िला अग्रणी बैंक प्रबन्धक जय पाल भनोट ने बैंकों को वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत निधारित लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने का अनुरोध किया ताकि लोगों की आर्थिक जरूरतों कों पूरा किया जा सके। उन्होंने बैंकों से सभी किसानों को कृषि कार्ड बाँटने, कृषि औजारों हेतु ऋण प्रदान करने तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहित करने का आहवान किया। नाबार्ड के ज़िला विकास प्रबन्धक अरुण कुमार ने बैठक में शामिल सदस्यों कों स्वयं सहायता समूह बनाने हेतु, जे.एल.जी. तथा नये किसान क्लब बनाने का सुझाव दिया।
बैठक में एलडीओ आरबीआई यश वर्मा, मुख्य प्रबन्धक विनीत अग्रवाल, मुख्य जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक जय पाल भनोट, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड अरुण कुमार, विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयक सहित सरकारी व गैर सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
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