चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल ( शिअद ) के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने गुरुवार को चुनाव आयोग से मनीष सिसोदिया के भड़काऊ बयानों का संज्ञान लेने और भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत रद्द करने की मांग की।
उन्होंने यह भी मांग की कि आम आदमी पार्टी (आप) को पंजाब में चुनाव लड़ने से रोका जाए ताकि संवेदनशील सीमावर्ती राज्य को खतरनाक अतीत की पुनरावृत्ति से बचाया जा सके। चीमा ने पंजाब में कथित तौर पर ‘भाईचारे के बीच खून-खराबा’ भड़काने के लिए सिसोदिया के खिलाफ सख्त और त्वरित कानूनी कार्रवाई की भी मांग की।
चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पोल आखिरकार खुल गई है। उसका मुखौटा उतर गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आप के “धोखे, झूठ, झूठे वादे और गंदी चालें जैसे- दंगे, हिंसा और पैसे का खेल जिनका उद्देश्य 2027 में पंजाब की सत्ता पर काबिज रहना था, अब उनके शीर्ष नेता सिसोदिया ने बेशर्मी और खुलेआम स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2014 में जब से आप पंजाब में आई है, तब से राज्य में बेअदबी की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। चीमा ने पूछा कि 2016 के मलेरकोटला बेअदबी कांड में उनके अपने विधायक को दोषी ठहराए जाने के बाद, क्या अब भी किसी के मन में इस बात को लेकर कोई संदेह है कि इन घटनाओं के पीछे कौन था?
अकाली दल नेता ने आप पर पंजाबियों की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर और राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देकर खतरनाक खेल खेलने का आरोप लगाया। चीमा ने आगे कहा कि यह सब अब खुलेआम स्वीकार कर लिया गया है। मैं पंजाबियों से आह्वान करता हूं कि वे पंजाब में, खासकर सिखों में, भाइयों को भाइयों के खिलाफ खड़ा करने के इस खतरनाक खेल को समझें, जिसका मकसद शिरोमणि अकाली दल को विभाजित और कमजोर करना है।