चंडीगढ़ : कर्जदार किसानों की संख्या सबसे ज्यादा पंजाब में है, पंजाब के किसान 2.03 लाख रुपये के औसत कर्ज के साथ देश में तीसरे स्थान पर हैं। यह जानकारी शिअद के अध्यक्ष और सांसद सुखबीर बादल के सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने संसद में बजट पर चर्चा पर दी। औसत कर्ज के मामले में केरल के किसान 2.42 लाख रुपये प्रति किसान कर्ज के साथ देश में तीसरे नंबर पर हैं।
सांसद सुखबीर बादल ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पंजाब के किसानों की कर्ज माफी की मांग की, जोकि देश में गंभीर ऋणग्रस्तता से पीड़ित हैं। सुखबीर ने संसद में वित्त राज्यमंत्री से देश के किसानों के कर्ज का विवरण देने का अनुरोध किया था और यह जानना चाहा था कि क्या बीते दो साल के दौरान केंद्र ने किसानों के कर्ज पर कोई अध्ययन किया है और केंद्र सरकार की पंजाब में किसानों का कर्ज माफ करने के बारे में क्या योजना है? वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने 2019 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ऋणग्रस्तता के मामले में पंजाब में सबसे ज्यादा किसान हैं। हालांकि 2.03 लाख के औसत कर्ज के साथ वह देश में तीसरे नंबर पर हैं। पहले नंबर पर, आंध्र प्रदेश के किसानों पर 2.45 लाख का औसत कर्ज है जबकि देश में दूसरे नंबर पर केरल के किसान हैं। पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा के किसानों पर औसतन 1.82 लाख रुपये का कर्ज है। राष्ट्रीय ऋणग्रस्तता का आंकड़ा प्रति किसान 74 हजार रुपये है।
सुखबीर ने कहा कि कर्ज के इस स्तर के बावजूद केंद्र सरकार पंजाब के किसानों की कर्ज माफी का कोई प्रस्ताव लेकर नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के मेहनती किसानों का अपमान है, जो राष्ट्रीय अन्न भंडार को खाद्यान्न प्रदान करते हुए कर्जदार हो गए हैं और इस प्रक्रिया में किसानों ने भूजल के भंडार भी समाप्त कर दिए। पंजाब के किसानों का भविष्य अंधकारमय है। उनका कर्ज माफ करके उन्हें गेहूं-धान के चक्र से निकालना समय की जरूरत है।
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