तरनतारन। पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए भगवंत मान की सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन खडूर साहिब हलके में नशे का बोलबाला कम होने का नाम नहीं ले रहा।
मंगलवार को कस्बा फतेहबाद में मजदूर परिवार से संबंधित प्रताप सिंह की नशे के टीके ने जान ले ली। तीन बच्चों के पिता प्रताप सिंह के स्वजनों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में नशा लगातार बढ़ रहा है। पुलिस सब कुछ जानते हुए भी मूक दर्शक बनी है।
जसबीर सिंह ने बताया कि उसका छोटा भाई प्रताप सिंह (40) दो बेटियों व एक बेटे का पिता था। कुछ समय से वह गलत संगत में पड़कर नशे का आदी हो गया। मेहनत-मजदूरी कर परिवार चलाने वाले प्रताप सिंह द्वारा कुछ दिन पहले गुप्तांग के पास नशे का टीका लगाया गया।
जिसके बाद प्रताप सिंह की तबीयत खराब होने लगी। उसको इलाज के लिए पहले तरनतारन, फिर अमृतसर के सरकारी अस्पताल में लिजाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने प्रताप सिंह को पीजीआइ चंडीगढ़ लिजाने का सुझाव दिया।
कश्मीर सिंह ने आरोप लगाया कि नशा बेचने वालों बाबत पुलिस को सूचित भी किया गया, लेकिन किसी भी आरोपित को पकड़ा नहीं गया। बाद दोपहर प्रताप सिंह को वापस घर लाया गया। जिस दौरान उसकी मौत हो गई।
प्रताप सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर ने कहा कि उनके मोहल्ले में दिन के समय सरेआम चिट्टा बिकता है। चिट्टा बेचने वाली मंडली ने सप्ताह में अपने-अपने दिन पक्के कर रखे हैं। सोमवार से बुधवार, गुरुवार से शनिवार दो विभिन्न गुट नशा बेचते हैं। जबकि रविवार को कस्बे से बाहर से आए लोग सरेआम चिट्टा बेचते हैं।
क्या कहती है पुलिस
डीएसपी अतुल सोनी का कहना है कि प्रताप सिंह की मौत का कारण नशे का टीका नहीं बल्कि गलत जगह लगाए टीके के भरने से हुई है। मौके पर थाना प्रभारी प्रभजीत सिंह जांच के लिए पहुंचे, लेकिन प्रताप सिंह के स्वजनों ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करवाने से मना कर दिया। अगर परिवार द्वारा पोस्टमार्टम करवाया जाता तो मौत का कारण पता चल जाता।