जयपुर : राजस्थान में झुंझुनूं के एयरफोर्स जवान सुरेंद्र कुमार मेहरादासी जम्मू-कश्मीर के मोगा (उधमपुर) में पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक के दौरान मार गए।
शुक्रवार रात को हुए अटैक में उनकी शहादत हुई। जवान सुरेंद्र कुमार मेहरादासी (मंडावा) के रहने वाले थे। उनकी मौत के बाद पूरे इलाके में गहरा शोक व्याप्त हो गया है।
नए घर में शिफ्ट होने से पहले आ गई मौत
बता दें कि दुख इस बात की ओर है कि जवान सुरेंद्र कुमार मेहरादासी ने हाल ही में अपने गांव में एक नया मकान बनवाया था, अपने घर और परिवार के लिए एक उज्जवल भविष्य की आशा रखते थे। वह नए घर में शिफ्ट होने की तैयारियां कर रहे थे। लेकिन इनके शहादत की खबर से ना केवल उनके परिवार में बल्कि पूरे समुदाय में सदमा फैल गया है।
एयरफोर्स के मेडिकल विंग में सेवाएं दे रहे थे
शहीद सुरेंद्र कुमार, जो 14 वर्षों से एयरफोर्स के मेडिकल विंग में अपनी सेवाएं दे रहे थे, जम्मू-कश्मीर के मोगा (उधमपुर) में पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक के दौरान मार गए। उन्हें 39 विंग उधमपुर में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट के पद पर कार्यरत देखा जाता था। जिला कलेक्टर राम अवतार मीणा ने बताया कि सेना मुख्यालय द्वारा उनके जीजा जयप्रकाश को शहीद होने की सूचना दी गई थी। यह सूचना अभी तक शहीद की मां और पत्नी तक पहुंचाई नहीं जा सकी है, जिससे उनके परिवार पर अनगिनत दुख का साया मंडरा गया है।
सुरेंद्र कुमार देशभक्ति और मित्रता के प्रतीक थे
जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र कुमार देशभक्ति और मित्रता के प्रतीक थे। उनके चाचा सुभाष योगा ने बताया कि सुरेंद्र हमेशा युवाओं को फौज में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे और फौजी जीवन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता प्रेरणादायक थी। गृह प्रवेश के बाद नए मकान में अपने परिवार के साथ उनका जीवन एक नई शुरुआत होने वाला था, लेकिन कुदरत ने ऐसा समय चुन लिया जब उनका परिवार ही सबकुछ खो बैठे।
5 वर्ष का बेटा और 8 वर्ष की बेटी किसको कहेंगे पापा
शहीद के पीछे पत्नी सीमा और दो नन्हे शिशु हैं – एक 5 वर्ष का बेटा और 8 वर्ष की बेटी, जिनकी हृदयविदारक विदाई से पूरा गांव शोक में डूब गया है। उनके पिता, जो सेवानिवृत्त सीआरपीएफ अधिकारी थे, पहले ही इस दुनिया से विदा हो चुके हैं। अब शहीद सुरेंद्र की अंतिम यात्रा कब उनके गांव लायी जाएगी, इस संबंध में भी अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
झुंझुनूं के कलेक्टर ने परिवार के लिए किया बड़ा ऐलान
इस दुखद घड़ी में प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों ने शहीद के परिवार से मिलने का कार्यक्रम तय किया है, ताकि उन्हें आवश्यक सांत्वना और सहायता प्रदान की जा सके। जिला कलेक्टर राम अवतार मीणा ने कहा कि सरकार की सहायता पैकेज की जानकारी भी परिवार तक जल्द पहुंचाई जाएगी। ऐसे में पूरे झुंझुनूं में शहीद के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना नई ऊर्जा प्रदान कर रही है, जबकि वीर जवान की यादें हमेशा अमिट रहेंगी।