होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : वरिष्ठ पत्रकार संजीव कुमार के साथ विशेष बातचीत में बार एसोसिएशन होशियारपुर के प्रधान एडवोकेट पी.एस. घुम्मन ने एक सुलभ, समावेशी और वेलफेयर-ओरिएंटेड न्याय प्रणाली की अपनी सोच को विस्तार से साझा किया।
एडवोकेट घुम्मन ने जोर देकर कहा कि न्याय केवल विशेषाधिकार नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का अधिकार होना चाहिए, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए। उन्होंने कहा, “हमारी न्याय प्रणाली मजबूत है, लेकिन इसे आम जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाना जरूरी है। कानूनी सहायता उन लोगों तक अवश्य पहुंचे जो आर्थिक या प्रक्रियात्मक बाधाओं के कारण न्याय की मांग करने से हिचकते हैं।”
उन्होंने नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रणाली को मजबूत करने और हाशिए पर खड़े समुदायों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “जागरूकता ही असली ताकत है। लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि न्याय उनसे दूर नहीं है।”
वकीलों की भलाई के मुद्दे पर एडवोकेट घुम्मन ने कई अहम चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “नौजवान और संघर्षशील वकीलों के लिए बेहतर अधोसंरचना, बीमा योजनाएं और सामाजिक सुरक्षा जरूरी हैं। बार काउंसिल और सरकार को मिलकर इस दिशा में ठोस प्रयास करने चाहिए।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि युवा वकीलों को आधुनिक कानूनी उपकरणों और कार्यप्रणालियों से लैस करने के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए।
एडवोकेट पी.एस. घुम्मन ने न्यायिक सुधार, न्याय तक पहुंच और वकीलों की भलाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनके नेतृत्व में होशियारपुर बार एसोसिएशन आम जनता और वकीलों—दोनों के लिए एक मजबूत सहारा बनी रहेगी।