नई दिल्ली : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ की घटना में 18 लोगों की मौत हो गई। इनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे हैं। 25 से ज्यादा लोग घायल हैं।
मृतकों को दिल्ली के RML अस्पताल लाया गया था। स्टाफ सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर शवों के सीने और पेट में चोटें थीं। उनकी दम घुटने से जान गई। उत्तर प्रदेश के उन्नाव के रहने वाले ओपिल सिंह की 7 साल की बेटी रिया भी थी। भगदड़ के दौरान रिया के सिर में कील घुस गई, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी।
रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ बढ़ी। चश्मदीद के मुताबिक, गाड़ी का प्लेटफॉर्म 14 से 16 नंबर बदला गया। इससे भगदड़ मची। हादसे की जांच के लिए रेलवे ने दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें उत्तर रेलवे के दो अधिकारियों नरसिंह देव और पंकज गंगवार को शामिल किया गया है। कमेटी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी CCTV वीडियो फुटेज को सुरक्षित करने का आदेश दिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है। जांच की जिम्मेदारी डीसीपी रैंक के अफसर को दी गई है। इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे।
3 बड़े कारण… हालात बिगड़े और जानें गईं
- प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्स. तीनों ही प्रयागराज जाने वाले थीं। दो ट्रेनें भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी लेट थीं। इन तीनों ट्रेनों की भीड़ प्लेटफॉर्म-14 पर थी। जब प्रयागराज स्पेशल ट्रेन यहां पहुंची, तभी अनाउंस हुआ कि भुवनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म नं. 16 पर आ रही है। सुनते ही 14 पर मौजूद भीड़ 16 की तरफ भागी।
- कई लोग टिकट काउंटर पर थे। इनमें 90% प्रयागराज जाने वाले थे। अचानक ट्रेन आने का अनाउंसमेंट हुआ तो लोग बिना टिकट प्लेटफार्म की तरफ भागे। इससे भगदड़ मची।
- दो वीकेंड से कुंभ जाने वालों की भीड़ हो रही थी, पर स्टेशन प्रशासन ने कोई कंट्रोल रूम नहीं बनाया। शनिवार को भी शाम 7 बजे से भीड़ बढ़ने लगी थी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
तीन चश्मदीद …. जान बचानी है तो लौट जाओ- पुलिस ने कहा- प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह नहीं थी। ट्रेन में लोग ठूंसे हुए थे। चुनिंदा पुलिस वाले दिख रहे थे। पुलिस वाले लोगों से बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए। आप लोगों के पैसे नहीं गए हैं। आपकी जान बची है।
कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस सके : प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया बताया कि मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर का टिकट था। लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। वहां इतनी धक्का-मुक्की थी कि हम जैसे-तैसे भीड़ से बाहर निकल सके।
ट्रेनों के कैंसिल और लेट होने से भीड़ बढ़ी : प्रत्यक्षदर्शी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मैं भी प्रयागराज जा रहा था। दो ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं, कुछ रद्द कर दी गई थीं। इसलिए स्टेशन पर बेतहाशा भीड़ थी। मैंने जिंदगी में पहली बार इस स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी। मैंने खुद छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा।
बोले रेलवे अधिकारी – सीढ़ियों पर यात्री फिसले, जिससे हादसा हुआ नॉर्थ रेलवे के अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा- कल जब यह दुखद घटना घटी, उस समय पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 पर खड़ी थी, और जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति प्लेटफार्म नंबर 15 पर खड़ी थी।
इस दौरान प्लेटफार्म 14-15 की ओर आ रहा एक यात्री सीढ़ियों पर फिसलकर गिर गया, और उसके पीछे खड़े कई यात्री इसकी चपेट में आ गए, और यह दुखद घटना घटी। कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई, न ही प्लेटफार्म में कोई बदलाव किया गया। घटना की जांच की जा रही है।