मोहाली : बच्चों का अपहरण करने और उसके बाद उन्हें भीख मांगने के लिए बेचने का धंधा करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी महिला गुरलीन कौर की नियमित जमानत याचिका मोहाली अदालत ने खारिज कर दी है सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि आरोपी पर लगे आरोप बहुत गंभीर हैं और रिहा किया तो समाज में गलत संदेश जाएगा। आरोपी बार-बार इसी तरह के अपराध करने के लिए प्रोत्साहित हो जाएगी। साथ ही कहा कि गुरलीन कौर के अनुसार जिस दीदी से उसे छोटा बच्चा मिला, उसका मोबाइल नंबर जवाब नहीं दे रहा है। इस स्थिति में यह स्पष्ट रूप से सामने आता है कि सभी आरोपी एक गिरोह में काम कर रहे हैं और एक सिंडिकेट बनाकर छोटे बच्चों को बेचने का कारोबार करते हैं। अभियुक्त को जमानत लेकर मुकदमे से भागने के आशंका के चलते भी उसकी नियमित जमानत याचिका को मंजूर नहीं किया गया।आरोपी के वकील ने पेश कीं यह दलीलें
अदालत में सुनवाई के दौरान गुरलीन के वकील राजीव मल्होत्रा ने दलील रखी कि याचिकाकर्ता निर्दोष है। उसे झूठा फंसाया गया है और वह बुटीक का व्यवसाय चलाती है, उसका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। एफआईआर में उसका नाम नहीं है। यह भी तर्क दिया कि उस पर लगे आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और जो बच्चा आरोपों के अनुसार आरोपी द्वारा दर्शना रानी को सौंपा गया था वह पुलिस पहले ही बरामद कर चुकी है।
अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता 14 दिसंबर, 2023 से हिरासत में है। वह जांच में शामिल होने को तैयार है। अब आरोपियों से कुछ भी बरामद नहीं किया जाना है। चालान पेश करने और मुकदमे के समापन में पर्याप्त समय लगेगा। उन्होंने अदालत से याचिकाकर्ता की नियमित जमानत याचिका को मंजूर करने की अपील रखी।
सरकारी वकील बोला, मामला बेहद गंभीर
वहीं, दूसरी ओर सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने अदालत में तर्क रखा कि गुरलीन कौर पर आरोप बेहद गंभीर हैं। उन्होंने अपनी दलील में बताया कि आरोपी ने बेचने के उद्देश्य से 20 नवंबर, 2023 को जन्म लेने वाले एक बहुत छोटे बच्चे की व्यवस्था की और उसने बच्चे को आरोपी सुरिंदर कौर और दर्शना रानी को सौंप दिया। दरअसल, सभी आरोपियों ने गिरोह बना रखा है जो मानव तस्करी का धंधा करते हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि यह गिरोह भीख मांगने के लिए बच्चों को बेचता है। एक छोटा बच्चा अपनी मां के पास नहीं पहुंच सका और अब गोद लेने वाली एजेंसी स्वामी गंगा नंद भूरीवाले इंटरनेशनल फाउंडेशन धाम तलवंडी खुर्द लुधियाना में है। बच्चे की मां का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। इन परिस्थितियों में नियमित जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।
गुप्त सूचना के आधार पर दबोचा था
बता दें कि 12 दिसंबर, 2023 को एएसआई सुरिंदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस पार्टी गश्त और असामाजिक तत्वों की जांच के सिलसिले में बलौंगी पुल के पास मौजूद थी, तभी उन्हें गुप्त सूचना मिली कि सुरिंदर कौर, दर्शना रानी बच्चों का अपहरण करने और उसके बाद उन्हें भीख मांगने के लिए बेचने का धंधा करती है। उस दिन सुरिंदर कौर और दर्शना रानी छोटे बच्चे को बेचने के लिए स्पाइस चौक मोहाली आ रही थी। पुलिस ने सूचना पर सुरिंदर कौर और दर्शना रानी को एक छोटे बच्चे सहित काबू किया और उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।