– मोटर व्हीकल इंसपेक्टर व ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज ने नौजवानों से बाइक के असली साइलेंसर को मोडीफिकेशन न करवाने की अपील की
होशियारपुर, 21 मई:
ग्लोबल रोड सेफ्टी सप्ताह के दौरान मोटर व्हीकल इंसपेक्टर(एम.वी.आई) दविंदर सिंह व ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज होशियारपुर सुरिंदर सिंह ने बताया कि देखने में आया है कि मोटरसाइकिल सवारों की ओर से अजीबो-गरीब आवाज वाले साइलेंसर लगाकर असली साइलेंसर की मोडिफिकेशन करवा कर चलाने से लोगों की शांति भंग हो रही है। उन्होंने कहा कि सरेआम सडक़ पर साइलेंसर की अचानक अजीबो-गरीब आवाज से आम लोगों में डर का माहौल पैदा होता है और ऐसे साइलेंसर लगाने के साथ-साथ बाइक सवार स्टंट भी दिखाते हैं। उन्होंने नौजवानों को अपील करते हुए कहा कि वे मोटर साइकिल के असली साइलेंसर को मोडीफिकेशन न करवाएं और न ही किसी तरह का स्टंट कर अपनी व दूसरों की जान जोखिम में डाले। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एम.वी.आई व ट्रैफिक इंचार्ज ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा करने वालों के लिए आई.पी.सी. के अंतर्गत आठ दिन तक की कैद व जुर्माने का प्रावधान है। इसके अंतर्गत पुलिस कर्मचारी बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है, इसके अलावा व्हीकल एक्ट व इंडियन पीनल कोड के अंतर्गत बाइक पर स्टंट करना भी सजायोग्य अपराध है। उन्होंने कहा कि बाइक पर स्टंट करना खतरनाक ड्राइविंग के समान है जो कि मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत ज्यादा रफ्तार के साथ गाड़ी चलाना भी सजायोग्य अपराध है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 के अनुसार पहले अपराध के लिए एक हजार रुपए जुर्माना व दोबारा अपराध करने के लिए दो हजार रुपए जुर्माने की व्यवस्था है। इसके अलावा धारा 183 के अंतर्गत पहली बार 400 रुपए जुर्माना व दोहराने पर एक हजार रुपए जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि क्योंकि मोटरसाइकिल पर स्टंड दिखाने से व्यक्ति की जान खतरे में पैदा हो जाती है और स्पीड बेकाबू रहती है, इस लिए दोनों धाराओं के साथ-साथ यह एक्ट भारतीय दंडावली की धारा 279 के अंतर्गत भी सजायोग्य अपराध है। इसके अंतर्गत दोषी को छह माह तक की कैद या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती है।