भोपाल में समिति प्रणाली की समीक्षा हेतु आयोजित पीठासीन अधिकारियों की समिति की बैठक में बोले हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया
पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष विधायी संरचना पर दिया बल
एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के माननीय अध्यक्ष आदरणीय श्री कुलदीप सिंह पठानिया जी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में समिति प्रणाली की समीक्षा हेतु आयोजित पीठासीन अधिकारियों की समिति की बैठक में भाग लिया। बैठक में श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधायी समितियाँ हमारी विधायिकाओं की रीढ़ हैं।
जो विस्तृत जांच द्विदलीय विचार–विमर्श और प्रभावी निगरानी को सक्षम बनाती है। इनकी सिफारिशें केवल कागज में न रहें, इसके लिए ठोस कदम उठाने यानी ठोस क्रियान्वयन की आवश्यकता है।

उन्होंने विधायी प्रणाली में पारदर्शिता, निगरानी और जवाबदेही पर जोर दिया।
पठानिया ने पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष विधायी संरचना पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण एवं पर्वतीय राज्यों से जुड़ीं समितियों पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है। पर्वतीय क्षेत्रों की विशिष्ट समस्याओं को विधानसभा के मंच पर लाने की बेहद जरूरत है।
भोपाल में आयोजित विधानसभा समितियों की यह बैठक एक औपचारिकता नहीं बल्कि, भविष्य की विधायी दिशा तय करने वाला कदम रही। सात राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों ने जो चिंताएं और समाधान रखे, उनसे साफ है कि अब लोकतंत्र केवल चुनाव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसमें जवाबदेही, पारदर्शिता और समावेशिता के रास्ते पर चलना होगा। मजबूती से आगे बढ़ना होगा, ताकि भारत जैसे लोकतांत्रिक व गणतांत्रिक देश के असल मायने सामने आ सकें।

मध्यप्रदेश विधानसभा में सोमवार को सात राज्यों की विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों की समिति की पहली बैठक हुई।
बैठक में उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, राजस्थान के स्पीकर वासुदेव देवनानी, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, पश्चिम बंगाल के विमान बनर्जी, उड़ीसा की स्पीकर सुरमा पाढ़ी, सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष मिंगमा नोरबू शेरपा तथा इन राज्यों की विधानसभाओं के प्रमुख सचिव उपस्थित रहे।
