नवांशहर : वेतन न मिलने के रोष स्वरूप सिविल अस्पताल के सफाई कर्मचारियों की ओर से शुक्रवार को कामकाज बंद रखा गया। जिसे कार्यकारी एसएमओ के आश्वासन के बाद शुरू किया गया। इस दौरान सफाई कर्मचारियों की ओर से सिविल अस्पताल में ठेकेदार के खिलाफ धरना दिया गया तथा जमकर नारेबाजी की गई। धरने को संबोधित करते हुए बादल, कमलेश कौर, गुरजीत राम, नरेश कुमार ने कहा कि नवंबर महीना आधे से अधिक बीत चुका है, लेकिन ठेकेदार की ओर से अभी तक कई मुलाजिमों की अक्तूबर महीने की जबकि कई मुलाजिमों की तो अभी सितंबर की तनख्वाह भी नहीं दी गई। जब वह ठेकेदार से अपनी तनख्वाह मांगते हैं तो ठेकेदार उन्हें काम से निकालने की धमकी देता है। उन्होंने ठेकेदार को चेतावनी दी कि यदि ठेकेदार की ओर से किसी भी मुलाजिम को निकालकर किसी अन्य व्यक्ति को काम पर रखा तो वह उसे काम नहीं करने देंगे। दूसरी ओर ठेकेदार की ओर से उन्हें सिविल अस्पताल में आकर नहीं बल्कि उन्हें बे-टाईम बाहर कहीं बुलाकर तनख्वाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि मुलाजिमों को काम करते हुए 10 से 12 वर्ष हो गए हैं। लेकिन ठेकेदार की ओर से उनको फंड भी नहीं दिया गया। उधर, कार्यकारी एसएमओ डा. गुरपाल कटारिया ने कहा कि उन्होंने ठेकेदार को मुलाजिमों के सामने बुलाकर उसे आगे से ऐसा न करने की चेतावनी दी है। ठेकेदार की ओर से समय लिया गया है। डा कटारिय के आश्वासन के बाद मुलाजिमों ने फिलहाल के लिए हड़ताल खोल दी गई है। इस दौरान उन्होंने मांग की कि उनकी तनख्वाह समय पर दी जाए। उनकी तनख्वाह बे-टाईम कहीं बाहर नहीं, बल्कि सिविल अस्पताल में आकर पर्दे में दी जाए। लंबे समय से काम कर रहे वर्करों को उनका बनता फंड दिया जाए। मौके पर प्रवीन कुमार, कुलदीप कुमार, जसविंदर सिंह, राजेश कुमार, प्रदीप कुमार, ओंकार सिंह, हरमन दीप, ऊषा, बलजीत कौर, सरबजीत कौर, हरजिंदर, रमनजीत कौर, अलका, सुनील, बिमला आदि मौजूद रहे।
मुलाजिमों का धरने की सूचना मिलने के तुरंत बाद कार्यकारी एसएमओ डा. गुरपाल कटारिया की ओर से ठेकेदार व मुलाजिमों को बुलाया गया। जहां ठेकेदार ने बताया कि उसकी चैक बुक खत्म हो चुकी है। जिसके बाद उसने एटीएम के जरिए पिछले तीन दिनों से लिमिट के अनुसार पैसे निकालकर मुलाजिमों की तनख्वाह दी जा रही हैं। मुलाजिमों ने ठेकेदार को तनख्वाह देने के लिए 1 दिन का समय दिया। उन्होंने कहा कि यदि एक दिन में उनकी तनख्वाह न दी गई तो वे फिर से धरना शुरू कर देंगे। दूसरी ओर ठेकेदार की ओर से मुलाजिमों का फंड जारी करने के लिए 10 दिनों का समय मांगा है। ठेकेदार ने डा. कटारिया को बताया कि उन्हें वकील से बात कर ली है, इस प्रोसैस के लिए 10 दिन लगेंगे। जिसके बाद मुलाजिमों ने ठेकेदार से कहा कि वह उन्हें 12 दिनों का समय देते हैं। लेकिन यदि 30 नवंबर तक उनका फंड जारी न हुआ तो वह 1 दिसंबर से फिर से काम बंद कर देंगे।