शराब के शौंकीनों के लिए बुरी खबर : शराब के रेट ओपन मार्केट के हवाले, ठेकेदार ही तय करेगें शराब के रेट

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हमने मिनीमम रेट तय किए मैकसीमम नहीं, ठेकेदार ही तय करेगें रेट: डीटीसी खैहरा
गढ़़शंकर। शराब पालिसी को लेकर गत एक महीने से पंजाब सरकार दुारा शराब लोगो को ससती उपलब्ध करवाने के दाबे की पोल खुलने लगी है। सरकार ने अव शराब के रेट ओपन मार्केट के सहारे छोड़ दिए है। जिससे साफ है कि ठेकेदार एक बार फिर अपनी मर्जी से शराब के रेट तय कर शराब वेचेगे। डीटीसी राजपाल सिंह खैहरा ने साफ कहा है कि हमने मीनीमम रेट शराब के फिकस किए है मैकसीमम नहीं। हालांकि सरकार दुारा पालिसी में बदलाव करने से करीव 25 सौ करोड़ रैवन्यू बढने का अनुमान लगाया जा रहा है।
पंजाब सरकार दुारा जोर शोर से बात उठाई जा रही थी कि शराब से ज्यादा रैवन्यू इकत्र किया जाएगा और शराब लोगो को ससती उलब्ध करवाई जाएगी। देसी अंगेजी शराब व बीयर का रेट तय होगा उससे ज्यादा शराब नहीं वेची जाएगी। लेकिन जैसे सर्कल शराब के बिकने लगे है तो शराब के ठेको पर पुराने रेट पर ही शराब मिलने से शराब के शैंकीनों के चिहरे पर मायूसी छाने लगी है। पुराने शराब के स्टाक को विभाग ने दो प्रतिशत डयूटी लेकर कैरी फार्वड कर नए ठेकेदारों को वेचने के लिए दे दी है। इसके ईलावा अभी तक सरकार के दावे मुताविक शराब की बोतलों पर ना तो मैकसीमम रेट प्रिंट किया और ना ही बार कोड लगाया। लिहाजा एक बार पहले की सरकारों की तरह ठेकेदार अपनी मर्जी के रेटों पर शराब वेचेेगें। शराब के एक पुराने ठेकेदार ने ना ना छापने की शर्त पर बताया कि इससे बलैक शराब का करोवार बढऩे की संभावना है तो अगर साथ लगते सर्कलों के ठेकेदार आपसी सहमति कर लेते है तो ठेकेदार अपनी मर्जी के रेट तय करेगें। जिसमें उन्हें कोई रोक टोक नही होगी। अगर साथ लगते सर्कलों के ठेकेदारों में शराब वेचने का कंपीटिशन हो गया तो शराब के रेट कम होगे।
एटीसी अवतार सिंह कंग : शराब की पुरानी पालिसी के मुताविक कोटा फिकस था और शराब के ठेकेदार को शराब का जितना कोटा उसने लेना होता था उस पर इकसाईज डयूटी व वैट देना पड़ता था। जिसके बाद ही उसे विभाग दुारा परमिट दिया जाता था। लेकिन अव सरकार ने कोट खतम कर ओपन कर दिया है। ठेकेदार को किसी भी किसम की अंग्रेजी शराब व बीयर खरीदते समय सिर्फ एक प्रतिशत इकसाईज डयूटी और एक प्रतिशत वैट देना होगा। जिससे शराब ठेकेदार को खरीदते समय ससती मिलेगी और उस पर कोई कोटा फिकस नहीं है। जितनी उसकी सेल है वह शराब वेच सकता है। लेकिन विभाग ने जिस रेट पर सर्कल ठेकेदार दिया है उसकी पेशगी को निकाल कर बचती राशि की नौ किशतें प्रति महीना के मुताविक बना दी है। शराब ठेकेदार ने कितनी वेची है या नहीं इसका किशत के साथ कोई संबंध नहीं है।
डीटीसी जालंधर राजपाल सिंह खैहरा : लोगो में अफवाह है कि शराब का मैकसीमम रेट तय होगा ऐसा नहीं है। हमने मिनीमम रेट शराब का तय किया है। ठेकेदार कौन सी शराब किस रेट पर बेचनी है वह खुद तय करेगा। कोई मैकसीमम रेट तय नहीं है। सरकार को सात हजार करोड़ से बढ़ कर दस करोड़ के करीव मिलेगा। वह दस करोड़ हमने ठेकेदार से लेना है।

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