एएम नाथ। शिमला : राजधानी से कुछ कार्यालयों को धर्मशाला शिफ्ट करने की बात चल रही थी। इसके कारण कई कर्मचारी भी उलझन में थे। कुछ कर्मचारी सालों से शिमला में ही नौकरी कर रहे हैं। कार्यालय शिफ्ट होने और तबादलों की खबरों के बीच इन कर्मचारियों को बच्चों की पढ़ाई की चिंता सता रही थी। कुछ कर्मचारी तो लंबे समय से शिमला में ही मकान बनाकर रह रहे हैं।
वहीं, कार्यालय शिफ्ट करने को लेकर सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला से कोई भी विभाग शिफ्ट नहीं किया जाएगा और न ही किसी कर्मचारी को छेड़ा जाएगा। राजधानी में स्थित विभागों में कर्मचारी पहले की ही तरह सेवाएं देते रहेंगे। सभी विभाग शिमला में ही रहेंगे, किसी को भी यहां से शिफ्ट नहीं किया जाएगा, जो नए कमीशन बन रहे हैं, जैसे जीएसटी और रेरा उन्हें यहां से शिफ्ट किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘शिमला को डी कन्जेस्ट करना है। वीआईपी काफिले की मूवमेंट के दौरान सड़क पर लंबी लाइनें लग जाती हैं। डेढ़ किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम हो जाता है। सर्कुलर रोड को चौड़ा करने के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है। सुबह के समय तो चार किलोमीटर का सफर तय करने के लिए एक घंटे का समय लग जाता है, इसलिए जो सिर्फ ऑफिस शिफ्ट हो सकते हैं, जिनके लिए जगह उपलब्ध है, उनको सरकार शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। किसी कर्मचारी को यहां से शिफ्ट नहीं किया जाएगा। वन विभाग का वाइल्ड लाइफ ऑफिस शिफ्ट किया गया है, क्योंकि पौंग डेम का सेंचुरी एरिया होने के साथ साथ रामशहर साइट है। इसलिए उसकी जरूरत धर्मशाला में थी। इसलिए इस विंग को धर्मशाला शिफ्ट किया गया है। इस विभाग में जो कर्मचारी हैं अगर वो शिमला में रहना चाहते हैं तो इस बारे में उनसे ऑप्शन ली जाएगी, ऐसे विभागों के केवल बड़े अधिकारियों को ही शिफ्ट किया जाएगा। इस दृष्टि से भी हमारी सरकार सोच रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार एक हजार करोड़ की बिल्डिंगें बनाकर चली गई थी। वो खाली पड़ी हैं। इसमें अगर धर्मशाला और मंडी में कहीं भी कोई बिल्डिंग खाली हैं वहां पर ऑफिस को शिफ्ट किया जा सकता है न कि मुख्य विभागों को, जो ऑफिस यहां से शिफ्ट होंगे, उनकी जगह दूसरे कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।