सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेंगे 25000 रुपये : सड़क हादसों में  सबसे ज्यादा मौतें होती – नितिन गडकरी

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नई दिल्ली । केंद सरकार सड़क हादसे में घायल होने वालों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने वाले अच्छे लोगों के लिए इनाम राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये करेगी। फिलहाल यह राशि 5,000 रुपये है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी पुणे में सड़क सुरक्षा अभियान कार्यक्रम के दौरान दी।  बॉलिवुड अभिनेता अनुपम खेर के साथ एक इंटरव्यू के दौरान मंत्री ने कहा कि उन्होंने सड़क परिवहन मंत्रालय को इनाम राशि बढ़ाने का निर्देश दिया है।
सड़क हादसों को गंभीर क्यों नहीं  :  जब अभिनेता ने कहा कि हम सड़क हादसों को लेकर गंभीर क्यों नहीं हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि अगर कभी-कभार कुछ होता है तो हम उस मामले को लेकर गंभीर हो जाते हैं। मगर, जब रोजाना कुछ होने लगता है तो हमें सामान्य लगने लगता है। ऐसे में अगर इन हादसों को रोकना है तो अकेले हम कुछ नहीं कर सकते। इसके लिए स्कूल, कॉलेज, एनजीओ, खिलाड़ी, सेलिब्रिटी व अन्य लोग जब जा-जाकर लोगों को समझाएंगे, तब बदलाव आएगा।
सड़क हादसों में  सबसे ज्यादा मौतें होती :  अनुपम खेर ने कहा कि 474 लोग हर दिन सड़क हादसे में जान गंवा रहे हैं। हम इन संख्या को लेकर काफी असंवेदनशील हो गए हैं। ऐसा लगता है कि अगर मौत की दर नहीं बढ़ेगी तो लोगों की नजर में यह मामला नहीं आएगा। इस पर गडकरी ने कहा, ‘कोविड, दंगों या लड़ाई में इतनी संख्या में लोगों की मौत नहीं हुई, जितनी सड़क हादसों में होती है। अधिकतर मरने वालों की उम्र 18-34 होती है। हम इंजीनियर से पूछते हैं कि आप गलतियां क्यों कर रहे हैं आपको कोई फर्क नहीं पड़ता।
वहीं, कभी-कभी कोई सड़क पर बने गड्ढों में छोटे-छोटे पत्थर डाल देता है, इससे स्कूटर वाले लोग गिर जाते हैं। ऐसे में इन सबसे तभी बचा जा सकता है कि जब हम सब मिलकर लोगों को जागरूक करेंगे।’
     बॉलिवुड अभिनेता ने अपने दोस्त के बेटे की मौत का जिक्र किया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर लोग हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें तो मौतें कम होंगी। उन्होंने कहा कि हमने ऑटोमोबाइल उद्योग को आदेश दिया है कि कार में पीछे भी सीट बेल्ट लगाएं। इतना ही नहीं, गडकरी ने साइरस पलोनजी मिस्त्री की मौत का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर उनकी कार में पीछे भी सीट बेल्ट लगी होती तो आज वो जिंदा होते। सभी की जिम्मेदारी है कि आग्रह करके कार के पीछे सीट बेल्ट लगवाएं।
      अनुपम  खेर ने कहा, सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों पर मात्र एक हजार का जुर्माना लगाया जाता है। इस पर मंत्री ने कहा, ‘बात जुर्माने की नहीं आदत की है। मैं अगर स्कूटर पर बैठता हूं तो हेलमेट बिना लगाए नहीं बैठता। वहीं अगर कार की बात आती है तो सीट बेल्ट के बिना यात्रा नहीं करता। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ध्यान रखें और कानून मानें।’
पैदल चलने वालों की जान जाने पर मंत्री ने कहा, ‘आजकल फुटपाथ पर अतिक्रमण किया जा रहा है। मुझे लगता है कि कानून की रक्षा करने वालों का काम है कि आम नागरिक के अधिकारों की रक्षा करना। मगर आमजन को भी इसमें साथ देना होगा। वहीं स्कूल वालों को प्रवेश द्वार पर कड़ी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘पहले जब कोई दुर्घटना होती थी, तो लोग घायल को अस्पताल ले जाने से कतराते थे। मगर हमने नियम बनाया कि अगर घायल शख्स को अस्पताल लाने वाले व्यक्ति पर कोई केस नहीं बनेगा। वहीं अच्छे काम के लिए पांच हजार की राशि भी दी जाती है। मगर मैंने आदेश दिया है कि यह राशि बढ़ाकर 25 हजार कर दी जाए। इसके साथ ही हमने एक और पहल की है। जैसे ही दुर्घटना होगी और पुलिस के एफआईआर दर्ज करते ही अस्पताल को डेढ़ लाख रुपये या कम से कम सात दिन का खर्चा सरकार देगी।’
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