गढ़शंकर : अलख आश्रम की तरफ से ‘गुरू पूजा व्यास पूर्णिमा’ के अवसर पर गांव समुंदड़ा स्थित प्राचीन शिव मंदिर महेशियाना में दो दिवसीय सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माहिलपुर स्थित अलख अमर विवेचन प्रत्यक्षालय से स्वामी श्री विशेषानंद ने अपने आत्म अनुभवमयी वचनों से आई हुई संगत को निहाल किया।
दो दिवसीय गुरू पूजन व्यास पूर्णिमा का आगाज़ बच्चों द्वारा किए गए हवन यज्ञ से हुआ। उसके उपरांत छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुज़ुर्गों ने मधुर भजन-गायन से आई हुई संगत को झूमने पर मजबूर कर दिया। भजन गायन उपरांत स्वामी जी ने कहा कि सत्संग की महिमा केवल बातों तक सीमित नहीं इसका फल प्रत्यक्ष है। यज्ञ, तप, दान तथा कीर्तन का फल शायद कब मिले परन्तु सत्संग का फल अवश्य मिलता है।
स्वामी जी ने कहा कि प्रभु का नाम एक है। जो भी हम जिह्वा से बोलते हैं, कानों से सुनते हैं, आंखों से देखते हैं वह परमात्मा के सिफाती (गुणवाचक) नाम तो हो सकते हैं परन्तु परमात्मा का यथार्थ नाम नहीं, स्वामी जी ने आगे कहा कि सत्त स्वरूप यानि अपने आप को जानना ही सतसंग है और जिसे सिर्फ समय के पूर्ण सदगुरू से ही जाना जा सकता है। इस मौके पर शहरवासियों व दूरों दराज से आई संगत ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।