अमृतसर। पाकिस्तान गई पंजाब की सरबजीत कौर के ‘लापता’ होने और वहां इस्लाम कबूल कर निकाह करने की खबर के बाद एसजीपीसी अब महिला श्रद्धालुओं के लिए सख्त नियम लाने जा रही है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अब कोई भी महिला अकेले जत्थे के साथ पाकिस्तान नहीं जा सकेगी। प्रस्तावित नियम के तहत हर महिला के साथ उसके परिवार का कम से कम एक सदस्य-पति, पिता, भाई या किसी नजदीकी रिश्तेदार का साथ होना अनिवार्य किया जाएगा।
एसजीपीसी के प्रताप सिंह ने कहा कि यह घटना नई नहीं है, 2018 में किरण बाला भी पाकिस्तान जाकर इस्लाम कबूल कर बस गई थी। दूसरे मामले के सामने आने के बाद एसजीपीसी ने अपनी पॉलिसी पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है। प्रताप सिंह के अनुसार, पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां यात्रियों की पृष्ठभूमि की जांच में गंभीर रूप से विफल रही हैं।
कपूरथला की रहने वाली 49 वर्षीय सरबजीत 1 नवंबर को 1,932 सदस्यीय जत्थे के साथ पाकिस्तान गई थी। जत्था 13 नवंबर को लौटा, लेकिन वह वापस नहीं आईं। बाद में जांच में सामने आया कि उन्होंने पाकिस्तान में नासिर हुसैन नामक युवक से निकाह कर अपना नाम नूर हुसैन रख लिया है।
उधर, पाक युवक नासिर सोशल मीडिया पर दावा कर रहा है कि सरबजीत ने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन कर निकाह किया है और दोनों लंबे समय से संपर्क में थे। मामले ने एसजीपीसी को सतर्क कर दिया है। कमेटी मानती है कि यदि महिलाओं के साथ परिवार का सदस्य मौजूद होता तो ऐसी स्थिति नहीं बनती।
एसजीपीसी अब ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए नियमों को सख्त करने की तैयारी में है। प्रस्तावित बदलावों के बाद अकेली महिलाओं का पाकिस्तान जाना पूरी तरह बंद हो सकता है। वहीं पुलिस सरबजीत के पासपोर्ट, यात्रा रिकॉर्ड और पाक युवक के साथ पुराने संबंधों की जांच कर रही है।
