गढशंकर : कोरोना बीमारी के हवाले से लंबा समय समय स्कूल बंद रहने से पटड़ी से उतर चुके शैक्षणिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए, स्कूलों तक समय पर किताबें पहुंचाने में पिछली सरकारों की तरह पंजाब की आप सरकार भी विफल नजर आ रही है। सरकार की अनदेखी के चलते 6 अप्रैल से आरंभ हुए नए शैक्षणिक सेशन के बावजूद विद्यार्थी बिना किताबों के खाली हाथ स्कूलों में पहुंचने के लिए मजबूर हैं।
डैमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब के प्रांतीय महासचिव मुकेश कुमार, सुखदेव डानसीवाल, सुखदीप, मनजीत सिंह, प्रदीप सिंह, कुमार गौरव व सतपाल कलेर ने कहा कि नई सरकार स्वास्थ्य एवं शिक्षा के बढिय़ा प्रबंधों को यकीनी बनाने का दावा करके सत्ता में आई है परंतु इस समय सरकार जनतक शिक्षा के प्रति बेरुखी बरत रही है। जिसमें सरकारी स्कूलों के लाखों बच्चे बिना किताबों के स्कूलों में पहुंचने के लिए मजबूर हैं। इनमें आठवीं, दसवीं तथा 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डीटीएफ नेता हरेन्द्र सिंह, मनजीत सिंह, करनैल सिंह, अजय कुमार, रमेश कुमार व अजमेर सिंह ने इस मामले में शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की पढ़ाई के प्रति संजीदगी दिखाते हुए सभी विषयों की किताबों के सभी संस्करणों/टाइटलों को पूरी संख्या में स्कूलों में मुहैया करवाए। इसके साथ ही 11वीं एवं 12वीं कक्षाओं के लाजमी विषयों के साथ-साथ शेष विषयों की किताबों को प्राइवेट प्रशासकों के सहारे छोडऩे की बजाए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड अपने स्तर पर छपवा कर वितरित की जाएं।