बिलासपुर में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिसकर्मियों को दिया प्रशिक्षण : आरटीओ बिलासपुर राजेश कौशल

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बिलासपुर ,फरवरी :   बिलासपुर में परिवहन विभाग द्वारा सड़क हादसो को रोकने के लिए आईटीआई बिलासपुर के कैंपस में एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें जिला के पुलिस कर्मियों, परिवहन विभाग,लोक निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। यह जानकारी आरटीओ बिलासपुर राजेश कौशल ने दी।
उन्होंने बताया कि सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए जिला में आईआरपी (इंट्रीग्रेटेड रोड एक्रीडेंट डेटाबेस) प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों में कमी लाना है। इस प्रोजेक्ट में मोबाइल एप एवं वेब के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित डाटा एकत्र किया जाएगा। प्रोजेक्ट के अंतर्गत मोबाइल एप और वेब को संचालित करने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि जिला बिलासपुर में दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए इस डाटा के विश्लेषण के आधार पर विशेष कदम उठाए जा सके।
उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट एनआईसी ने बनाया है एवं इसके क्रियान्वयन, प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग के लिए भी एनआईसी को नियुक्त किया है।
एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (iRAD) परियोजना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH), भारत सरकार की एक पहल है । जिसका लक्ष्य पूरे देश में सड़क हादसों पर लगाम लगाना है।
ऐप किस प्रकार काम करता है
IRAD मोबाइल एप्लिकेशन पुलिस कर्मियों को फोटो और वीडियो के साथ सड़क दुर्घटना के बारे में विवरण दर्ज करने में सक्षम करेगा, उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी अपने मोबाइल पर पर गूगल प्ले स्टोर से एप डाउनलोड करेंगे। डाउन लोड करने पर अलग-अलग जानकारियां भरने के लिए चार फार्म होंगे, जिसमें क्षतिग्रस्त गाड़ी का नंबर, निर्माता कंपनी, घटनास्थल से थाने की दूरी, घायल को कैसी चोट आयी, कितने समय में अस्पताल पहुंचाया गया, कितनी देर में प्राथमिक उपचार मिला, घटनास्थल पर सड़क की क्या हालत है, घटनास्थल पर दुर्घटनाओं का इतिहास समेत अन्य जानकारियां अपलोड की जाएगी, जिससे डिजिटल डाटा जुटेगा। वहीं आंकड़ों को देखने में समय की बचत होगी।
इन बिदुओं की जानकारी ऐप में होगी अपलोड
ऐप पर दुर्घटना का दिन, तारीख, समय, घटना के वक्त रोशनी की स्थित, दुर्घटना में मौत हुई या घायल, हादसे में नुकसान, क्षतिग्रस्त वाहनों की संख्या, दुर्घटना का कारण, वाहन चालकों की जानकारी, घटनास्थल के आसपास का स्थान, वाहन की स्थिति, ओवर स्पीड-ओवर, ड्राइविग लाइसेंस की वैधता, सड़क की स्थित समेत अन्य जानकारी अपलोड होगी। विवरण दर्ज करने के साथ ही पुलिसकर्मी अस्पताल को मोबाइल एप से सूचना भी भेजे सकेंगे, जिससे घायल को समय पर इलाज मिल सकेगा।
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