मां बोली- मैं रोज मर रही : एक महीने से नहीं किया अग्निवीर का अस्थि-विसर्जन …शहीद के दर्जे पर अड़े -श्रीनगर में हुई मौत

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फरीदकोट : अग्निवीर की मौत के लगभग 1 महीने से परिवार ने अस्थियां जल प्रवाह नहीं की हैं। परिवार इस बात को लेकर अड़ा है कि बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाए। इसके साथ ही बेटे की मौत का कारण बताया जाए। फरीदकोट के कोठे चहल गांव के अग्निवीर आकाशदीप सिंह (20) की 14 मई की रात श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी। आकाशदीप सिंह की मां कर्मजीत कौर ने कहा- जब तक मेरे जिगर के टुकड़े को शहीद का सम्मान नहीं मिलता, तब तक मैं उसकी अस्थियां प्रवाहित नहीं करूंगी।

अग्निवीर आकाशदीप के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि वे अपने बेटे की अस्थियों को देखकर रोज तिल-तिल मर रहे हैं। बेटे की मौत का कारण जानने और उसे शहीद का दर्जा दिलाने के लिए एक्स सर्विसमैन ग्रीवांस सेल के सहयोग से सेना को लेटर भी लिखा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है।  घर में सुबह-शाम हो रही आकाशदीप के लिए अरदास आकाशदीप की मौत के बाद परिवार ने उनकी अस्थियां घर के एक कमरे में संभालकर रखी हैं। परिवार का कहना है कि सुबह-शाम वह गुरुद्वारा साहिब जाकर आकाशदीप की आत्मिक शांति के लिए वाहेगुरु से अरदास करते हैं। पूरा परिवार बेटे की अस्थियों को देखकर पल-पल मर रहा है। सेना और सरकार से एक ही सवाल है कि मेरे बेटे को शहीद का दर्जा कब मिलेगा?

परिवार ने सेना को पत्र लिखकर 3 चीजें पूछी….

  • मौत की वजह साफ की जाए: आकाशदीप के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने पूर्व फौजियों के हकों के लिए लड़ने वाली संस्था एक्स सर्विसमैन ग्रीवांस सेल के सहयोग से सेना को पत्र लिखा है। इसमें सेना से पूछा गया है कि परिवार को यह साफ किया जाए कि आकाशदीप की मौत की असली वजह क्या है।
  • शहीद का दर्जा कब तक मिलेगा: सेना को भेजे गए लेटर में मां करमजीत कौर ने पूछा है कि हमें ये बताया जाए कि बेटे को शहीद का दर्जा कब मिलेगा।
  • परिवार को लाभ क्यों नहीं: परिवार ने लेटर के जरिए ये भी पूछा है कि जैसे दूसरे फौजियों के परिवारों को शहादत के बाद तुरंत लाभ दिए जाते हैं, वैसे उनको क्यों नहीं मिले। आकाशदीप के सभी लाभ परिवार को कब मिलेंगे।
  • मां बोली-बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ूंगी आकाशदीप की मां करमजीत कौर ने कहा कि बेटे को इंसाफ दिलाने की जंग अपनी आखिरी सांस तक लड़ूंगी। मैं अपने छोटे बेटे को भी आर्मी में भर्ती करवाना चाहती थी। मेरा बड़ा बेटा आकाशदीप कहता था कि मम्मा हम दोनों भाई सेना में जाएंगे, लेकिन अब मेरा दिल नहीं करता कि मेरा दूसरा बेटा सेना में जाए।मेरे बेटे को शहीद का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा मां ने यह भी कहा कि ऑन ड्यूटी मेरे बेटे के सिर में गोली लगी थी, फिर भी उसे शहीद का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा? पंजाब सरकार जहरीली शराब पीकर मरने वालों के घर एकदम पहुंच जाती है। उनके परिवारों को एक मिनट में 10-10 लाख रुपए, नौकरी और फ्री इलाज की सुविधा दे दी जाती है। यहां हम बेटे की अस्थियां देखकर पल-पल मर रहे हैं, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है।

    पिता बोले- आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला आकाशदीप सिंह के पिता बलविंदर सिंह कहते हैं कि मैं किसान हूं और एक वर्कशॉप भी है। मेरे पास अब छोटा बेटा कोमलदीप सिंह ही सहारा बचा है। आकाशदीप सिंह का जन्म 14 जनवरी 2005 को हुआ था। जब वह 2023 में सेना में भर्ती हुआ तब बीकॉम सेकेंड ईयर में था। छोटा बेटा कोमलदीप सिंह अब 12वीं में पढ़ रहा है। हमें समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करेंगे। बेटे की मौत के बाद सभी पार्टियों के नेता उनके घर आए। यह क्षेत्र विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां का हलका है। वह भी चार-पांच बार आ चुके हैं। उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया है कि विश्वास रखें, शहीद का दर्जा जरूर दिलाएंगे। सेना की रिपोर्ट का इंतजार करें।

    पूर्व फौजियों ने रक्षामंत्री को लिखा पत्र अग्निवीर सिपाही आकाशदीप सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए पूर्व फौजी भी संघर्ष कर रहे हैं। एक्स आर्मी अधिकारियों की वेटरन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को इसके लिए पत्र भी लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने जालंधर के डीसी को भी इस मामले में पत्र सौंपा है। पत्र में कहा गया है कि आकाशदीप की जान देश के लिए गई है, इसलिए उसे शहीद का दर्जा दिया जाए। शहीद का दर्जा मिलने से उसके परिवार को हौसला मिलेगा और पंजाब के अन्य युवाओं में भी जोश पैदा होगा।   मौत के बाद मां के साथ वीडियो सामने आया था आकाशदीप सिंह की मौत के बाद उसका अपनी मां के साथ एक वीडियो सामने आया था। मां को सैल्यूट करने वाला ये वीडियो तेजी से वायरल होने लगा। इस वीडियो में आकाशदीप छुट्टी काटने के बाद ड्यूटी पर जा रहा है। बस में बैठने से पहले वह अपनी मां, दोस्तों और बाकी परिजनों को गले लगाता है। बस में चढ़ने के बाद आकाशदीप अपनी मां को सैल्यूट भी करता है।

    लुधियाना से सांसद और पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने केंद्र और पंजाब सरकार से अपील की कि दोनों सरकारें आकाशदीप के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दें। साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। हमारे जवान ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दी है।

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