उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक आदमी की अचानक तबियत खराब होती है। उसके परिजन उसे मेदांता अस्पताल ले जाते हैं। अस्पताल के डॉक्टर परिजन से इलाज करने के लिए 8 लाख रुपये की मांग करते हैं।
इतना ही नहीं डॉक्टर्स कहतें हैं कि अगर अगले आधे घंटे में मरीज का इलाज नहीं किया गया तो उसकी मौत हो जाएगी. मरीज के परिजनों के पास इतना पैसा नहीं था. वह उसे दूसरे निजी अस्पताल में ले गए जहां मात्र 128 रुपये में मरीज स्वस्थ हो गया. मेदांता के डॉक्टर मरीज के दिल में छल्ला डालने की बात कह रहे थे।
ये पूरा मामला इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मरीज का नाम मोहन स्वरूप भारद्वाज है. अब उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने और उनके परिजनों ने जो धनराशि जमा की थी उसे वापस दिलाने की मांग की है।
पीड़ित ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र : मोहन स्वरूप भारद्वाज के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके साथ अस्पताल में बदतमीजी की गई. बड़ी मुश्किल से मरीज को डिस्चार्ज कराया. मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है. इस पूरे प्रकरण के जांच के आदेश दे दिया गया है।
क्या है पूरा मामला : सुशांत सिंह गोल्फ सिटी के रहने वाले मोहन स्वरूप भारद्वाज को 23 मई को अचानक चक्कर आता है वो गिर जाते हैं. उनके पूरे शरीर पर पसीना आ जाता है. उनका भाई और पत्नी उन्हें मेदांता अस्पताल लेकर जाते हैं. डॉक्टर एंजियोग्राफी समेत कई जांच करते हैं और परिजनों से दिल में छल्ला डालने की बात कहते हैं. इसके लिए 8 लाख रुपये की मांग की जाती है।