चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा में आज पार्टी फंड के नाम पर पैसे लेने के पावरकॉम के अधिकारियों के आरोप को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर हंगामा हुआ। बात यहां तक भी आई कि इसकी जांच हाउस कमेटी या ज्यूडिशल कमेटी बनाकर की जाए।
अंततः लंबी बहस के बाद स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने यह कहकर मामले को टाल दिया कि विधानसभा में पहले से ही कई कमेटियां बनी हुई है जो सरकार के कामकाज की निगरानी करती है। उन्होंने विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा से अपनी बात पिटीशन कमेटी के सामने रखने की बात कह दी।
बाजवा ने लगाया ये आरोप
गौरतलब है कि शून्य काल में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि पावरकॉम के एक संगठन ने पार्टी फंड के नाम पर ₹50000 देने की बात अपने अधीनस्थ अधिकारियों से कही थी जिसकी शिकायत पर विजिलेंस ने केस भी दर्ज किया है।
उन्होंने मांग की इस केस की जांच विधानसभा की हाउस कमेटी बना कर की जाए या फिर न्यायिक जांच करवाई जाए। बाजवा के आरोप पर बिजली मंत्री भड़क उठे।
उन्होंने कहा कि बाजवा को यह तक याद नहीं है कि जब वह लोग निर्माण मंत्री थे तो उनके विभाग में तारकोल का स्कैम हुआ था जिसमें 18 लोग नामांकित किए गए थे लेकिन आज तक उसे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अमन अरोड़ा ने दिया जवाब
इस पर विपक्ष में हंगामा कर दिया तो पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा अपने मंत्री के पक्ष में आ गए और उन्होंने विपक्ष के नेता से कहा कि वह चाहें तो हाउस कमेटी से जांच करवा लें या फिर कैसी भी जांच करवा लें वह सभी के लिए तैयार हैं। इस मामले में वह अपना पक्ष जरूर रखना चाहते हैं।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री के पास दो ऐसे मामले आए थे जिसमें पैसे की लेनदेन की बात हुई। उन्होंने खुद आगे बढ़कर संबंधित लोगों से पैसे वापस करवाए बल्कि केस भी दर्ज करवाने की धमकी दी। अमन अरोड़ा अमृतसर के एक सेलर मलिक का काम करवाने के लिए किसी बिचौलिए द्वारा ₹7 लाख लेने का जिक्र कर रहे थे।