मानसा : सेना ने ड्यूटी पर तैनात अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत की वजह आत्महत्या माना है। अग्निवीर की मौत के चार दिन बाद सेना ने 15 अक्टूबर को एक्स पर लिखे एक पोस्ट में कहा कि 11 अक्टूबर को संतरी ड्यूटी के दौरान खुद की बंदूक से गोली लगने से हुई।
जिसके चलते पंजाब सरकार ने अमृतपाल को शहादत का दर्जा ना दिए जाने पर सवाल खड़े कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अग्निवीर अमृतपाल के घर कोटली कलां पहुंच कर अग्निवीर अमृतपाल को श्रधंजलि भेट कर अग्निवीर के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें राज्य सरकार की ओर से मदद और सुरक्षा का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अग्निवीर के परिजनों को एक करोड़ की सहायता का चेक भी सौंपा और परिवार2।के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही।
उन्हीनो ने कहा कि अग्निवीर हर कठिन और आसान समय में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। उनके बाद परिवारों की देखभाल करना सरकारों का नैतिक कर्तव्य है। जिसे हम हर समय पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “हम उन्हें शहीद का दर्जा देंगे। पंचायत और उनके परिवार की मांग के अनुसार उनके नाम पर एक स्टेडियम बनाया जाएगा। उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। परिवार को सरकारी नौकरी दी जाएगी। हम पूरे पंजाब की ओर से उन्हें शहीद का दर्जा देंगे। हम केंद्र सरकार से अग्निवीरों को नियमित करने की मांग करेंगे।”
वहीं सेना ने अग्निवीर अमृतपाल की मौत को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। सेना ने एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर की गई एक पोस्ट में लिखा, “11 अक्टूबर 2023 को अग्निवीर अमृतपाल सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई थी। अग्निवीर अमृतपाल सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से संबंधित कुछ गलतफहमियां और तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है। 14 अक्टूबर 2023 को व्हाइट नाइट कॉर्प्स द्वारा दी गई प्रारंभिक जानकारी के अलावा, हम इस मामले को स्पष्ट करने के लिए और भी विवरण साझा कर रहे हैं।”