नई दिल्ली, 6 अप्रैल : चंडीगढ़ महापौर चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह ने अपने आचरण के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली। न्यायालय ने फरवरी में चंडीगढ़ महापौर चुनाव का नतीजा पलट दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मसीह को फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ मतगणना के दौरान गंभीर कदाचार के लिए मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। मसीह ने कहा कि वह पहले दिया हलफनामा वापस लेंगे, जिसमें कहा गया था कि वह अवसाद और बेचैनी से गुजर रहे थे और इसमें उन्होंने मतपत्रों में छेड़छाड़ के आरोपों से इनकार किया था।
गौर हो कि न्यायालय ने फरवरी में चंडीगढ़ महापौर चुनाव के परिणाम को पलटते हुए आम आदमी पार्टी (आप)-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया महापौर घोषित किया था। न्यायालय ने 30 जनवरी को चुनाव परिणाम को रद्द घोषित करते हुए कहा था कि मसीह ने आठ मतपत्रों पर निशान लगाए थे, ताकि उन्हें अवैध घोषित किया जा सके। मसीह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-सदस्यीय पीठ से कहा कि उनके मुवक्किल ने बिना शर्त माफी मांगी है।
रोहतगी ने कहा, ‘मैंने उन्हें पहला हलफनामा वापस लेने की सलाह दी है।’ कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने माफी का विरोध किया। पीठ ने 23 जुलाई तक मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि आप के महापौर पद के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख