एएम नाथ। शिमला : हमीरपुर से पांचवी बार सांसद चुने जाने के बाद इस बार अनुराग ठाकुर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। हिमाचल कोटे से अनुराग की जगह जगत प्रकाश नड्डा को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया। जिसके बाद अनुराग ठाकुर के बारे में इस बार के विधानसभा के उपचुनाव और गत विधानसभा चुनावों के सबंध में हिमाचल भाजपा के एक गुट द्वारा हाईकमान को दी रिपोर्ट को बताया जा रहा है। लेकिन उक्त रिपोर्ट की पुष्टि कोई नहीं कर रहा कि इसमें कोई सच्चाई है या नहीं। हालांकि अनुराग ठाकुर के मंत्री ना बनाने की वजह उन्हें संगठन की जिम्मेदारी सौंपना भी बताया जा रहा है।
संसदीय सीट हमीरपुर से अनुराग ठाकुर जीतने के बावजूद सुजानपुर, कुटलैहड़ और गगरेट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को हार मिली। सूत्रों की माने तो अनुराग ठाकुर के विरोधी गुट ने पार्टी हाईकमान को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें अनुराग को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आने वाली सुजानपुर, कुटलैहड़ और गगरेट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। सुजानपुर में साल 2017 में प्रेम कुमार धूमल को राजेंद्र राणा ने हराया था। इस बार कांग्रेस के बागी राजेंद्र राणा को भाजपा ने टिकट दिया और वह धूमल खासम ख़ास रहे कांग्रेस के कैप्टन रणजीत सिंह राणा से चुनाव हारे हैं।
भाजपा की टिकट पर कुटलैहड़ सीट पर कांग्रेस के बागी देवेंद्र कुमार भुट्टो ने चुनाव लड़ा और वह चुनाव हार गई। देवेंद्र कुमार भुट्टो को भाजपा की टिकट मिलने पर धूमल के रिश्तेदार बताए जा रहे भाजपा के बरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर का भविष्य दांव पर लगा है। जिसके बाद दोनों सीट पर हार के लिए प्रेम कुमार धूमल परिवार पर सवाल उठ रहे हैं। इसके इलावा गगरेट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को हार पर भी कई स्वाल उठ रहे है।
इसके इलावा गत विधानसभा चुनावों में भी हमीरपुर जिले में अधिकांश सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों की हार जाने पर कई सवाल उठे थे। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस से एक प्रतिशत से भी कम मत पड़ने से भाजपा सरकार रिपीट करने में असफल हो गई थी। सूत्रों की माने तो उस समय भी भाजपा ने एक गुट ने भीतरघात के आरोप की रिपोर्ट हइकमान को सौपी थी। लेकिन उक्त रिपोर्ट में क्या था आज तक किसी भी नेता ने उसके बारे में जनतक तौर कर कुछ नहीं बोला था।
30 जून को जेपी नड्डा का राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर दूसरा कार्यकाल खत्म हो रहा है। जिसके चलते अनुराग ठाकुर के मंत्री ना बनाने की वजह उन्हें संगठन की जिम्मेदारी सौंपना बताया जा रहा है। चर्चा है कि संगठन में बड़ा फेरबदल होगा और पार्टी अनुराग ठाकुर को राष्ट्रीय महामंत्री बना सकती है। हिमाचल में कुल 4 लोकसभा सीट हैं तो 2 मंत्री बनाना संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में जेपी नड्डा ने प्रेम कुमार धूमल से मतभेदों के चलते प्रदेश सरकार में वन मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था और अब नड्डा धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर को मंत्रिमंडल बाहर रहना पड़ा.