अबोहर । अबोहर में एक दिन पहले सोमवार को मशहूर कपड़ा व्यापारी संजय वर्मा की हत्या की गई थी। कारोबारी संजय वर्मा हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उन्हें पुलिस हथियारों की रिकवरी के लिए साथ लेकर गई थी।
इस दौरान पुलिस के साथ आरोपियों की मुठभेड़ हो गई जिसमें दोनों आरोपी मारे गए हैं। वहीं इस मुठभेड़ में एक पुलिस जवान को भी गोली लगी है। घायल सीनियर पुलिस कांस्टेबल मनिंदर सिंह के बाजू में गोली लगी जिसे अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। मारे गए आरोपियों में राम रतन निवासी पटियाला और जसबीर सिंह निवासी मरदनपुर है।
इससे पहले पुलिस ने संजय वर्मा हत्याकांड में शामिल इन दो बदमाशों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में पंजाब पुलिस के एडीजीपी अर्पित शुक्ला ने मंगलवार को अबोहर में जानकारी दी थी। वहीं देर शाम आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं।
फिरोजपुर के डीआईजी हरमनबीर सिंह गिल ने बताया कि पुलिस ने आरोपी जसप्रीत और राम रतन को काबू किया था। वारदात में कुल पांच आरोपी शामिल थे। इनमें तीन बाइक पर सवार थे और दो स्विफ्ट कार में थे। स्विफ्ट कार में सवार जसप्रीत और राम रतन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने वारदात के समय जो कपड़े पहने थे उन कपड़ों को भी उन्होंने घटना को अंजाम देने के बाद भागते हुए रास्ते में उतर कर फेंक दिया था। वहीं जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था उन्हें भी रास्ते में छुपा दिया था। हथियारों को अबोहर के किसी जंगल में छुपाया था। जब पुलिस उक्त दोनों आरोपियों को हथियारों रिकवरी के लिए मंगलवार शाम साथ लेकर गई तभी वहां आरोपियों के साथियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इसी बीच दोनों आरोपी मौके से भागने लगे तो पुलिस की जवाबी कार्रवाई में जसप्रीत और राम रतन को गोली लगी और दोनों की ही मौत हो गई। अभी इस मामले में तीन आरोपी हैं, जो फरार हैं। पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है।
जगत वर्मा का दर्द छलका
इससे पहले शोक जताने पहुंचे पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वड़िंग से फरियाद करते हुए संजय वर्मा के भाई जगत वर्मा ने कहा कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछो कि यह हिंदुस्तान कैसा है, जहां सैकड़ों लोगों को रोजगार देने वालों को बदमाश गोलियां मार कर चले जाते हैं। जेलों में बदमाशों की खातिरदारी होती है। जनता सरकार से सुरक्षा व न्याय ही तो मांगती है। मैं किसी पार्टी का नहीं हूं। सरकार को करोड़ों का टैक्स देता हूं, पांच सात सौ लोगों को रोजगार दिया है। हमारे साथ ही ऐसा क्यों हुआ है। मेरी बात सरकार तक पहुंचाओ।