नई दिल्ली : डंकी की रुट के जरिए दुबई से कनाडा और अमेरिका भेजे जाने का मामला सामना आया है।इस मामले में बड़ा खुलासा भी हुआ है. इस मामले के तार गुजरात और पंजाब से जुड़े हुआ हैं. कई ट्रेवल एजेंट इसमें शामिल हैं। खुलासे में मालूम हुआ है कि डंकी रूट (मानव तस्करी) के जरिए गुजरात, पंजाब और हरियाणा के लोगों को अमेरिका भेजने के नाम पर 60 से 80 लाख रूपये लिए गए थे। इस मामले में पंजाब सरकार ने जांच शुरू कराई है. इसके लिए स्पेशल जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। इसमें पुलिस के 3 बड़े अधिकारियों को शामिल किया गया है। गुजरात सरकार ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए CID को जांच के आदेश दिए हैं। गुजरात की सीआईडी वापस लौटे सभी पैंसजरों से अलग-अलग बात कर उनसे पूछताछ कर रही है।
फ्रांस ने रोका था 300 यात्री सवार विमान : मामले का खुलासा तब हुआ जब 21 दिसंबर को लैटिन अमेरिका के निकारागुआ जा रहे एक विमान को मानव तस्करी के शक में फ्रांस में रोका गया था।विमान में 300 से ज्यादा पैसेंजर सवार थे। जांच के बाद यह फ्लाइट 26 दिसंबर को मुंबई लौटी थी। इस फ्लाइट में 66 पैसेंजर्स गुजरात के थे।।जबकि 200 से ज्यादा पैसेंजर पंजाब और हरियाणा के थे। इनसे जब पूछताछ की गई तो मालूम चला कि इन्हें अवैध तरीके से अमेरिका भेजा जा रहा था।
CID को पैसेंजरों ने बताया देने वाले थे 60 से 80 लाख रूपये : गुजरात की CID टीम की पूछताछ में से 55 पैंसजरों ने यह बताया कि वे अमेरिका में अवैध तौर पर दाखिल होने के लिए 60 से 80 लाख रुपए देने वाले थे, इसमें से कई लाख एडवांस दिए जा चुके थे। गुजरात सीईआईडी को 15 ट्रैवल एजेंटों के नाम और कॉन्टेक्ट नंबर मिले हैं, इसमें दो नाम जालंधर के ट्रैवल एजेंटो के हैं। सूत्रों के मुताबिक इनके ऑफिस जालंधर बस स्टेंड के पास ही हैं। जिन्होंने इन 55 लोगों को US-मेक्सिको बॉर्डर के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल करवाने का वादा किया था और बकाया रकम काम पूरा होने के बाद देने को कहा था।
पंजाब और गुजरात की जांच एजेंसियां आपस में शेयर कर रहीं इनपुट : इस मामले में पंजाब और गुजरात की जांच एजेंसियां आपस में इनपुट शेयर कर रही हैं। यह पूरा मामला देश से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार भी इस पर नजर बनाए हुए है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय इन पूरे मामले में अलग से जांच करवा रहा है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पंजाब और गुजरात के ट्रेवल एजेंट आपस में मिलकर डंकी रूट के जरिए बड़े स्तर पर मानव तस्करी करते हैं। यही नहीं, ये प्राइवेट जहाज बुक करवा कर गैर कानूनी ढंग से अमेरिका भेजने के लिए 60 से 80 लाख रुपए हर एक से वसूलते हैं। जालंधर के दोनों ट्रेवल एजेंट इस पूरे मामले के मास्टर माइंड है। इन्होंने बहुत कम समय में अवैध रूप से अरबों रुपए कमाए हैं।इसमें एक एजेंट तो ज्यादातर विदेश में ही रहता है।