दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब विवाद गहरा गया है। इस वीडियो को शेयर करने वाले पर दिल्ली के वकील विभोर आनंद समेत अन्य पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ पंजाब के लुधियाना में पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
आम आदमी पार्टी नेताओं और समर्थकों की शिकायत पर अब तक लुधियाना में पांच और पूरे पंजाब में करीब 12 FIR दर्ज की गई हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वीडियो ने केजरीवाल की छवि खराब की है और अनुसूचित जाति (SC) व अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
वायरल वीडियो और असली संदर्भ : 9 सेकंड का वायरल वीडियो में अरविंद केजरीवाल को यह कहते सुना गया, “किसी ने कहा कि जिसने संविधान लिखा, वह नशे में होगा.” हालांकि, AAP ने एक 19 सेकंड का वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि केजरीवाल भारतीय संविधान के बारे में नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के संविधान पर टिप्पणी कर रहे थे।
केजरीवाल ने 12 साल पहले दिए गए अपने भाषण में कहा था कि कांग्रेस पार्टी के संविधान में लिखा है कि कोई कार्यकर्ता शराब का सेवन नहीं करेगा. किसी ने कहा कि जिसने यह संविधान लिखा, वह नशे में होगा।
दर्ज धाराएं और विवाद की गंभीरता : पुलिस ने यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 192 (दंगा भड़काने का उद्देश्य), 336 (4) (छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जीवाड़ा), 352 (जानबूझकर अपमान) और 353 (सार्वजनिक अशांति फैलाने वाले बयान) के तहत दर्ज किया है. इसके अलावा, SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं को भी जोड़ा गया है।