चंडीगढ़ : ED ने गुरुग्राम के अवैध खनन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत पंजाब के कई जिलों में बड़ी कार्रवाई की है। ED के गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने लुधियाना, रूप नगर, एसएएस नगर, शहीद भगत सिंह नगर समेत अन्य जिलों में कुल 44 संपत्तियां जब्त की हैं, जिनमें 85 एकड़ से अधिक कृषि भूमि शामिल है।
इनकी अनुमानित कीमत 300 करोड़ रुपए बताई जा रही है. ये संपत्तियां कुलदीप सिंह मक्कड़, अंगद सिंह मक्कड़, पुनीत सिंह मक्कड़ और उनकी कंपनियों से जुड़ी हुई हैं. कार्रवाई अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई है.
ED की जांच हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी. ये एफआईआर अवैध तरीके से रेत, बोल्डर-ग्रेवल और बोल्डर-ग्रेवल-रेत का खनन करने से जुड़ी थीं. इसमें कई कंपनियां शामिल थीं. ये कंपनियां थीं शामिल-
- मेसर्स मुबारिकपुर रॉयल्टी कंपनी
- मेसर्स डेवलपमेंट स्ट्रैटेजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड,
- मेसर्स दिल्ली रॉयल्टी कंपनी
- मेसर्स जेएसएम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड
- मेसर्स पीएस बिल्डटेक
साथ ही स्क्रीनिंग प्लांट्स और स्टोन क्रशर से जुड़े लोग भी इसमें शामिल पाए गए।
300 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई का आरोप
जांच में सामने आया कि इस अवैध खनन से कुल 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई हुई थी, जिसमें अंगद सिंह मक्कड़ और उनके परिवार का हिस्सा 110 करोड़ रुपए से अधिक है। ये लोग बिना अनुमति वाली जमीनों पर खनन कर रहे थे और फर्जी ई-रावाना बनाकर खनिज बेचते थे. खनिज की बिक्री से होने वाली पूरी रकम नकद में ली जाती थी, जिसे संगठित तरीके से बांटा जाता था।
122 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त
इससे पहले ED ने तलाशी अभियान चलाकर दिलबाग सिंह, कुलविंदर सिंह, सुरेन्द्र पंवार और अंगद सिंह मक्कड़ को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए 122 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गई थी. तलाशी के दौरान कई सबूत मिले, जिनसे साबित हुआ कि इस गिरोह ने अवैध खनन से भारी नकदी एकत्रित की और इस ब्लैकमनी को व्हाइट बनाने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया। मामले में एक प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट अंबाला की विशेष अदालत में भी दायर की गई है, जहां अदालत ने संज्ञान लिया है। इस मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।