नवांशहर । आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन पंजाब सीटू द्वारा *ऑल इंडिया फेडरेशन* के आह्वान पर जिला अध्यक्ष बलजीत कौर मल्लपुरी के नेतृत्व में आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने काले दुपट्टे ओढ़कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेवाजी की और लाभार्थियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हुंकार भरी।
इस दौरान संबोधित करते हुए जिला महासचिव लखविंदर कौर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं में लगातार कटौती कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि देश में भारी संख्यां में बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हैं और उनकी औसत लंबाई कम हो रही है। इसमें सुधार के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आंगनवाड़ी केंद्रों में ताजा पका हुआ पूरक पोषाहार देना जरूरी है।
उन्होनों कहा कि हम यहां बताना चाहते है कि आज बच्चे जंक फूड पर ज्यादा ध्यान देते हैं और जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कोरोना से पहले आंगनवाड़ी केंद्रों में ताजा पका हुआ पूरक पोषाहार दिया जाता था। उस समय के आंकड़े गवाह हैं कि कुपोषण जैसी अवांछित बीमारी को रोकने में 90% सफलता मिली थी। लेकिन आज डिजिटलाइजेशन के नाम पर लाभार्थी का ईकेवाईसी किया जाता है और उसके चेहरे की पहचान के जरिए उसे टेक होम राशन दिया जाता है। जिनका चेहरा तकनीकी समस्याओं के कारण मेल नहीं खाता है वे लाभ से वंचित रह जाते हैं। एक तरफ देश की भुखमरी दर दिन-प्रतिदिन गिरती जा रही है। यह 96वें नंबर पर थी और अब यह 105वें पर पहुंच गई है। ऐसी स्थिति में भी सरकार आईसीडीएस के लाभार्थियों की कटौती कर रही है। जिसे बहुत ही निंदनीय प्रदर्शन कहा जा सकता है। उन्होनों ने कहा कि आईसीडीएस योजना 2 अक्टूबर 1975 से शुरू हुई थी और अपने पचास साल पूरे करने वाली है। 50 साल पूरे होने के बाद भी जो अल्प मानदेय दिया जाता है वह पांच महीने से नहीं मिला है। केंद्र द्वारा जो हिस्सा दिया जाना चाहिए उसका बजट समय पर नहीं दिया जा रहा है। उन्होनों कहा कि यूनियन की मांग है कि आईसीडीएस स्कीम को विभाग बनाया जाए और वर्कर हेल्परों को दर्जा तीन और दर्जा चार दिया जाए। सरकार पोषण और शिक्षा दोनों कार्यक्रम शुरू कर रही है, लेकिन पंजाब सरकार ने बच्चों को शिक्षा के लिए केवल प्राथमिक स्कूलों से जोड़ा है और आंगनवाड़ी केंद्रों की गरिमा को खोखला कर दिया है।
उन्होनों कहा कि यूनियन की मांग है कि आंगनवाड़ी केंद्रों को नर्सरी एलकेजी दिया जाए और प्ले वे का दर्जा देते हुए आंगनवाड़ी लिविंग सर्टिफिकेट जारी किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2022 में वर्कर हेल्पर को ग्रेच्युटी से जोड़ने के आदेश दिए हैं। उन्होनों कहा कि यूनियन की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेच्युटी का लाभ तुरंत दिया जाए। बिना मोबाइल दिए एफआरएस और ईकेवाईसी करने पर जारी किए गए नोटिस बंद किए जाएं और मानदेय बंद करके तुरंत जारी किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों में वाईफाई और टैब की व्यवस्था की जाए। यूनियन ने कहा कि पोषण ट्रैक एक प्रोत्साहन आधारित कार्यक्रम है। जिस पर गतिविधियों को नोट करने के लिए 500 रुपये और 250 रुपये का प्रोत्साहन निर्धारित है। प्रोत्साहन आधारित कार्यक्रम के पीछे मानदेय रोकना शोषण है। केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला केंद्रीय हिस्सा पांच महीने से नहीं दिया गया है। उन्होनों कहा कि यूनियन की मांग है कि इसे तुरंत लागू किया जाए, अन्यथा संघर्ष तेज करना होगा। जिसकी जिम्मेदारी केंद्र और पंजाब सरकार की होगी।
इस समय ब्लॉक बलाचौर से सुरिंदर कौर, परमिंदर कौर, रणजीत कौर, ब्लॉक बंगा से जसवीर कौर, सुरपुर, सोमा रानी, नवांशहर से रजनी बाला, कमलजीत कौर, रेवल कौर, संगीता देवी, रेनू शर्मा, परमिंदर कौर, कुलविंदर कौर, सोनिया सुखविंदर कौर और इंद्रजीत कौर और और से परमजीत कौर अपने साथियों के साथ शामिल हुईं।